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विदेश मंत्री एस जयशंकर जाएंगे अमेरिका,


  • S Jaishankar US Visit: हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस बात की घोषणा की थी कि अमेरिका अपने वहां निर्मित फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन के दो करोड़ टीके जून के अंत तक अन्य देशों को सप्लाई करेगा. इस सप्लाई को लेकर अब तक ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई है लेकिन जानकारी के अनुसार भारत भी इनमें शामिल हो सकता है.

देश में कोरोना वैक्सीन की कमी को देखते हुए केंद्र सरकार ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को अमेरिका भेजने का निर्णय लिया है. एस जयशंकर अमेरिका की वैक्सीन निर्माता कंपनियों और शीर्ष अधिकारियों से भारत में वैक्सीन की सप्लाई को लेकर चर्चा करेंगे. एस जयशंकर 24 मई से लेकर 28 मई तक अमेरिका के दौरे पर रहेंगे. इस दौरान वो भारत और पड़ोसी देशों में ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन की सप्लाई के लिए अमेरिका के साथ बातचीत करेंगे. बता दें कि, हाल ही में बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमिन ने एस जयशंकर से वैक्सीन की सप्लाई के लिए अमेरिका से बातचीत करने का आग्रह किया था. साथ ही नेपाल, श्रीलंका और मालदीव भी पिछले कुछ समय से वैक्सीन सप्लाई की मांग कर रहे हैं.

विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार बयान के अनुसार जयशंकर भारत और अमेरिका के बीच आर्थिक और कोविड संबंधित सहयोग पर अमेरिका के बिजनेस फोरम के साथ बातचीत करेंगे. साथ ही बयान में कहा गया है कि, “एस जयशंकर न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से भी मिल सकते हैं. वहीं वाशिंगटन डीसी में वो अपने समकक्ष विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ वार्ता करेंगे. साथ ही अपने इस दौरे के दौरान वो द्विपक्षीय संबंधों से संबंधित कैबिनेट सदस्यों और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से भी मुलाकात करेंगे.”

वैक्सीन की खरीद को लेकर अमेरिका से लगातार हो रही है वार्ता

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची के अनुसार सरकार कोरोना वैक्सीन की सप्लाई और बाद में देश में उनके उत्पादन को लेकर अमेरिका की वैक्सीन निर्माता कंपनियों से सम्पर्क साधे हुए है. अमेरिकी उद्यमों के साथ कोविड-19 रोधी टीकों की खरीद और बाद में देश में उसके उत्पादन की संभावना के बारे में बातचीत कर रहा है. बागची ने गुरुवार को एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में ये जानकारी दी थी. बागची के अनुसार, “हम कोरोना वैक्सीन की सप्लाई और बाद में भारत में उसके उत्पादन की संभावना के बारे में अमेरिका की वैक्सीन निर्माता कंपनियों से बातचीत कर रहे हैं. साथ ही हमने उन खबरों को देखा है जिसमें अमेरिकी सरकार ने दूसरे देशों को टीके उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है.”