अन्तर्राष्ट्रीय

वेब टेलीस्कोप ने उठाया दूसरी दुनिया के वायुमंडलीय रहस्यों से पर्दा


नासा के उन्नत जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने फिर एक बार दूसरी दुनिया के वायुमंडलीय रहस्यों से पर्दा उठाया है। इससे पहले वेब, हबल व स्पिट्जर टेलीस्कोपों ने ग्रह के वातावरण के बारे में अलग-अलग सूचनाएं प्रदान की थीं, लेकिन नए वेब ने वहां के परमाणुओं, अणुओं, सक्रिय रसायनों और बादलों के संकेतों से जुड़ी सूचनाएं उपलब्ध कराई हैं। वेब के जरिये देखे गए इस ग्रह का नाम डब्ल्यूएएसपी-39बी है, जो शनि के द्रव्यमान के बराबर है और 700 प्रकाश वर्ष दूर एक तारे की परिक्रमा कर रहा है। यूनिवर्सिटी आफ कैलिफोर्निया की खगोलशास्त्री नताली बटाला के अनुसार, ”हमने एक्सोप्लैनेट को कई उपकरणों के साथ देखा। इसमें हमें इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रम के साथ-साथ कई रसायनों की निशानियां मिलीं, जिसके बारे में अभी तक नहीं पता था।’ सौरमंडल के बाहर किसी तारे की परिक्रमा करने वाले ग्रह को एक्सोप्लैनेट कहा जाता है। हालिया जानकारियां यह भी बताती हैं कि किस प्रकार ये बादल बहुत करीब दिखाई देते हैं और अलग-अलग के बजाय ग्रह को ढके हुए मालूम पड़ते हैं। यूनिवर्सिटी आफ आक्सफोर्ड के शोधकर्ता के अनुसार, ‘पहली बार फोटोकेमेस्ट्री के ठोस साक्ष्य मिले हैं। फोटोकेमेस्ट्री, एक्सोप्लैनेट पर ऊर्जावान तारकीय प्रकाश द्वारा शुरू की गई रासायनिक प्रतिक्रिया है।’ उन्होंने कहा कि यह खोज वावस्तव में एक्सोप्लैनेट के बारे में हमारे ²ष्टिकोण व समझ को विस्तार देती है।