राष्ट्रीय

शिकायत पत्र पर कार्रवाई हुई होती तो बचाई जा सकती थी श्रद्धा की जान -देवेंद्र फडणवीस


दिल्ली में अपने लिव इन पार्टनर के हाथों मारी गई श्रद्धा वालकर का दो साल पुराना पत्र सामने आने के बाद अब यह मामला राजनीतिक रंग भी लेने लगा है। महाराष्ट्र के गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है जब दो साल पहले श्रद्धा ने पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई थी, उसी समय इस प्रकरण की गंभीरता पूर्वक जांच होनी चाहिए थी। फडणवीस इस समय गृहमंत्रालय के भी प्रभारी हैं। करीब छह माह पहले अपने लिव इन पार्टनर के हाथों मारी गई श्रद्धा वालकर ने ठीक दो साल पहले वसई के तुलिंज पुलिस थाने में लिखित शिकायत दी थी। जिसमें श्रद्धा ने अपने लिव इन पार्टनर आफताब पूनावाला के हाथों अपनी हत्या की आशंका जताई थी। अब यह पत्र दिल्ली पुलिस के हाथ लग चुका है। पत्र में श्रद्धा ने आफताब द्वारा उसे जान से मारने की धमकियां देने की बात कही है। यह पत्र 23 नवंबर, 2020 को लिखा गया था। उस समय महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी की सरकार थी। वर्तमान गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने परोक्ष रूप से तत्कालीन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि श्रद्धा द्वारा दो साल पहले महाराष्ट्र पुलिस को लिखा गया पत्र उन्होंने भी देखा है। यह पत्र अत्यंत गंभीर है। लेकिन इस पर उस समय कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पर उसी समय गंभीर कार्रवाई होनी चाहिए थी। फडणवीस ने सवाल किया है कि इस प्रकार के पत्र पर तब कार्रवाई क्यों नहीं हुई मालूम हो कि श्रद्धा ने जिस समय यह पत्र महाराष्ट्र पुलिस को लिखा था, उस समय मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और गृहमंत्री अनिल देशमुख थे। श्रद्धा ने 23 नवंबर, 2020 को लिखे अपने शिकायती पत्र में साफ कहा है कि आफताब ने आज मेरा गला दबाकर मुझे जान से मारने की कोशिश की। उसने आफताब द्वारा स्वयं को डराने एवं ब्लैकमेल करने का भी आरोप पत्र में लगाया है। पत्र में उसने यह भी लिखा है कि इन सारी बातों की जानकारी आफताब के माता-पिता को भी है। वे जानते हैं कि हम दोनों साथ रह रहे हैं, और वे सप्ताहांत में हमसे मिलने भी आते हैं। श्रद्धा के अनुसार हम आज भी साथ रह रहे हैं, और जल्दी शादी करनेवाले हैं। हमें उसके माता-पिता का आशीर्वाद भी प्राप्त है। श्रद्धा ने दो साल पहले लिखे इस शिकायती पत्र में जो बातें कही थीं, बिल्कुल उसी तरह आफताब ने उसे दिल्ली ले जाकर मार दिया और उसके शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए।