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संसद में चीन पर चिक-चिक, ड्रैगन के साथ बंद हो ट्रेड


अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत-चीन सीमा पर सैन्य झड़प कोलेकर कथित रूप से सरकार की चुप्पी पर विपक्ष सवाल उठा रहा है। इस संबंध में विपक्षी सांसदों ने सोमवार को संसद के दोनों सदनों में चर्चा की मांग की है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा कराने से इंकार कर रही है। 9 दिसंबर को सीमा पर हुई झड़प को लेकर संसद में जमकर हंगामा हो रहा है। सोमवार को भी संसद की कार्यवाही हंगामे के साथ शुरू हुई। इस वजह से कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी।

राज्यसभा में चर्चा की मांग कथित रूप से ठुकराए जाने के बाद कांग्रेस, लेफ्ट, डीएमके और अन्य दलों के सांसद वॉकआउट कर गए। वहीं, लोकसभा में भी विपक्षी दलों ने चर्चा की मांग की और यहां भी सांसदों ने जमकर हंगामा किया। लोकसभा में जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों को मिल रही धमकियां और आतंकियों द्वारा उन्हें निशाना बनाए जाने के मुद्दे पर भी विपक्ष ने चर्चा की मांग की। लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने एक स्थगन नोटिस भी दिया।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि वे (चीन) हमारी जमीन पर कब्जा कर रहा है। अगर इस मुद्दे पर चर्चा नहीं करेंगे तो क्या चर्चा करेंगे? खरगे ने कहा कि हम इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि राज्यसभा के स्पीकर के पास स्थगन नोटिस स्वीकार करने के कई नियम हैं।

इसपर स्पीकर जगदीप धनखड ने विपक्षी नेताओं को सलाह दी कि वे सदन को क्लासरूम न बनाएं। राज्यसभा के सभापति और उपाध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने विपक्ष को चेतावनी दी और कहा कि सदन को बाधित करने के लिए उनपर कार्रवाई की जाएगी। धनखड़ ने कहा, “मैं लीडर ऑफ अपोजिशन से आग्रह करूंगा कि वह नियमों का पालन करें और ऐसी छवि न बनाएं जो अशोभनीय हो।” राज्यसभा स्पीकर धनखड़ ने विपक्ष के सभी नोटिस को खारिज कर दिया और कहा कि वे सही नहीं हैं।

राज्यसभा में विपक्ष के हंगामा करने पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि आज सदन में विपक्ष की निराशा दिखी कि वो नियम में भरोसा नहीं रखते। उन्होंने कहा कि संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा नहीं होती। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस मु्द्दे का पिछले चार मौकों पर जिक्र किया गया है…चीन के मुद्दे पर रक्षा मंत्री अपना बयान दे चुके हैं। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान को सदन में संवेदनहीन बताया। बता दें कि राहुल ने सदन के बाहर एक प्रेस कांफ्रेंस में झड़प को लेकर सरकार से सवाल पूछे थे।

राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने यह भी कहा कि विपक्ष को सदन चलने देना चाहिए और निचले स्तर की राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बहुत निचले स्तर की राजनीति की जा रही है… हाउस की रूलिंग को नजरअंदाज किया जा रहा है।