News TOP STORIES नयी दिल्ली राष्ट्रीय

सत्येंद्र जैन को जेल में दी जा रही थीं कई सुविधाएं, रिपोर्ट में दावा


नई दिल्ली, दिल्ली में तिहाड़ के जेल नंबर सात में बंद दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन का मसाज करवाते, खाना खाते सहित अन्य वीडियो प्रसारित होने के मामले में उपराज्यपाल की ओर से गठित उच्चाधिकार समिति की रिपोर्ट आ गई है।

रिपोर्ट में जेल प्रशासन को कठघरे में खड़ा करने के साथ ही जैन को जेल मैन्युअल के इतर सुविधाएं देने की बात कही गई है। साथ ही जेल के तत्कालीन महानिदेशक संदीप गोयल व तत्कालीन जेल अधीक्षक अजीत कुमार पर विभागीय कार्यवाही की अनुशंसा की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि संदीप गोयल छह अक्टूबर को जैन के सेल में 50 मिनट तक रहे थे। तत्कालीन जेल अधीक्षक अजीत कुमार ने 15 मिनट तक जैन से बातचीत की।

उपराज्यपाल वीके सक्सेना को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि जैन को सेल में कई सुविधाएं दी जा रही थीं। पांच कैदियों का जिक्र किया है जो जैन की सेवा में लगे थे। इनमें दो पाक्सो के मामले में बंद है। पहले यह कहा गया कि यह कैदियों द्वारा स्वैच्छिक क्रियाकलाप था। पूछताछ में सामने आया कि कैदी स्वेच्छा से नहीं बल्कि भयवश ऐसा कर रहे थे। उन्हें लग रहा था कि यदि सेवा नहीं करेंगे तो जेल में उन्हें दिक्कत होगी। उन्हें सेवाओं के लिए जेल प्रशासन की ओर से मजबूर किया गया।

नियम के विपरीत मुलाकातें

रिपोर्ट में कहा गया है कि जैन से मिलने उनके स्वजन बराबर आते थे। स्वजन के अलावा मनी लांड्रिंग मामले में सह आरोपित भी मिलने आते थे। इनका आना-जाना बराबर लगा रहता था। जेलकर्मी भी सेल में लंबे समय तक बातचीत करते रहते थे। जैन द्वारा जेल में सामान की खरीद के लिए कई के अकाउंट कार्ड प्रयोग में लाए जाते थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन कार्डों को जेलकर्मी रिचार्ज कराते थे।

जैन को अन्य जेल में स्थानांतरित किया जाए

प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता हरीश खुराना ने कहा कि दिल्ली के गृह सचिव, कानून सचिव और सतर्कता सचिव की रिपोर्ट से स्पष्ट हो गया है कि अरविंद केजरीवाल सरकार के दबाव में जेल नियमावली का उल्लंघन कर तिहाड़ में बंद मंत्री सत्येंद्र जैन को सुविधाएं दी गई हैं। उनकी सेवा के लिए जेल में बंद कैदियों पर दबाव डाला गया।

उन्होंने जैन को किसी अन्य जेल में स्थानांतरित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि नियम का उल्लंघन कर जेल के अंदर जैन से उनकी पत्नी, स्वजन व मित्रों को मिलवाया गया। उन्हें फल व अन्य भोजन उपलब्ध कराए गए। तत्कालीन जेल महानिदेशक संदीप गोयल और जेल अधीक्षक अजीत कुमार की भूमिका पर भी गंभीर प्रश्न खड़े किए गए हैं।