पटना

सदर अस्पतालों में दीदी की रसोई जल्द : श्रवण


सहायता समूहों को अब तक 17173 करोड़ की वित्तीय सहायता

(आज समाचार सेवा)

पटना। ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा है कि हर जिले के सदर अस्पतालों में जीविका दीदी की रसोई की शुरूआत जल्द की जायेगी। अभी तक गैर कृषि आजीविका के तहत जीविका के द्वारा ३५ जिलों के सदर अस्पताल में दीदी की रसोई का सेंचालन किया जा रहा है। जीविका की दीदीयां ६४ ग्रामीण बाजारों का संचालन कर रही है। मंत्री मंगलवार को जीविका की उपलब्धियों की समीक्षा करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि जीविका के तहत अब तक १० लाख ३० हजार ४५३ स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है। जिसमें अब तक एक करोड़ २७ लाख सदस्यों को जोड़ा गया है। इसके अतिरिक्त ६६ हजार ४०६ ग्राम संगठन एवं एक हजार ३०२ संकूल संघों का गठन किया गया है। इन स्वयं सहायता समूहों को बैंक द्वारा अब तक १७ हजार १७३ करोड़ का वित्तीय सहायता उपलब्ध कराया गया है। बैंक शाखाओं में स्वयं सहायता समूहों की सहायता के लिए २८९५ प्रशिक्षित बैंक मित्रों को पदस्थापित किया गया है। पिछले १०-१२ वर्षों में जीरविका समूहों द्वारा ली गयी ९८ प्रतिशत ऋण की वापसी हो गयी है।

प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत अब तक २५ लाख ७९ हजार ७८५ समूह सदस्यों का बीमा किया गया है। जीविका अंतर्गत कृषि कार्यों के अंतर्गत आठ लाख ४९ हजार किसान श्रीविधि से खेती कर रहे हैं, जबकि छह लाख ९५ हजार किसान सब्जी की खेती एवं ११ लाख ४७ हजार परिवार किचन गार्डेनिंग का कार्य कर रहे हैं। अब तक प्रखंड स्तर पर ३३८ किसान प्रशिक्षण केंद्र खोले गये हैं।

श्री कुमार ने बताया कि जीविका के सहयोग से सदस्यों द्वारा दुग्ध उत्पादन एवं मत्स्य पालन का कार्य भी किया जा रहा है। अब तक पांच जिलों में जीविकोपार्जन हेतु मत्स्य पालन कार्य शुरू किया गया है एवं अन्य जिलों में इसका विस्तार किया जायेगा। कौशिकी दुग्ध उत्पादन कंपनी की स्थापना की गयी है। इससे समूह सदस्यों की आमदनी में वृद्घि हुई है। उन्होंने बताया कि १६ नये ग्रामीण बाजार शीघ खोले जायेंगे। कारेाना संक्रमण काल में जीविका की दीदीयों ने १७८ करोड़ से अधिक का मास्क निर्माण कर बेचा है।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के तहत दो लाख ८९ हजार ३२० युवकों का नियोजन किया गया है। सतत जीविकोपार्जन योजना की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि अब तक इस योजना के तहत एक लाख २५ हजार परिवार एवं देशी शराब के उत्पादन विक्री से जुड़े ४ हजार ७३३ अत्यंत निर्धन परिवार शामिल हैं। इस योजना के तहत ९७ हजार२४२ परिवारों को एकीकृत परिसंपत्ति वितरित की गयी है।