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सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के ‘चंदाजीवी’ वाले बयान पर बवाल,


  • समाजवादी पार्टी के प्रमुख और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ‘चंदाजीवी’ बयान को लेकर बवाल मचा है। विश्व हिंदु परिषद समेत अनेकों संगठनों ने सपा प्रमुख के उस बयान पर कड़ा प्रतिरोध जताया है, जिसमें श्रीराम जन्मभूमि निर्माण के लिए चलाए जा रहे अभियान को ‘चंदाजीवी’ बताया था। विशेषकर साधु-संतों ने तो अखिलेश यादव को कई तरह की नसीहतें भी दे दी हैं। इस बीच, यह सवाल उठ रहा है कि आखिर अयोध्या राममंदिर में इतना कितना चंदा आ रहा है, जो सपा अध्यक्ष ने इसे लेकर ऐसा विवादित बयान दे दिया।

अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए देश के हर हिस्से से हर वर्ग के लोग समपर्ण राशि देकर सहयोग कर रहे हैं। तीन दिन पहले ईसाई समुदाय के लोगों ने एक करोड़ रुपये दिए, तो वहीं कुछ दिन पहले सिंधी समाज के लोगों ने 200 किलो चांदी की ईंटें राम मंदिर निर्माण के लिए दीं। मुस्लिम समाज के लोग भी राममंदिर निर्माण में दिल खोलकर समपर्ण राशि दे रहे हैं। कहने का तात्पर्य ये है कि राम मंदिर के लिए हर वर्ग दिल खोलकर समपर्ण राशि दे रहा है। ऐसे में सपा प्रमुख अखिलेश यादव मंदिर निर्माण के लिए लिए विहिप द्वारा चलाए जा रहे अभियान को ‘चंदाजीवी’ बताकर घिर गए हैं।

25 दिनों में 600 करोड़ से ज्यादा दान

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो राम मंदिर निर्माण के लिए 15 जनवरी मकर संक्रांति के दिन शुरू हुए समर्पण निधि अभियान में 600 करोड़ से ज्यादा की राशि लोगों की ओर से दान की गई है। बच्चे, मजदूर, महिलाएं, बुजुर्ग, सभी राम मंदिर निर्माण में सहयोग कर रहे हैं। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 10, 100 और 1000 रुपये के 13 करोड़ से ज्यादा कूपन छपवाकर देशभर में भेजे थे। राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र के हवाले से कहा गया कि कई राज्यों में करीब दस दिन पहले ही यह कूपन खत्म हो गए हैं। ऐसे में ट्रस्ट नए सिरे से कूपन छपवा रहा है।

भव्य मंदिर का निर्माण इनकी आंखों में खटक रहा

अखिलेश यादव के चंदाजीवी बयान पर विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा, ‘लगता है, निहत्थे रामभक्तों को गोलियों से भूनने वालों की भूख अभी शांत नहीं हुई! भव्य राममंदिर का निर्माण इनकी आंखों में खटक रहा है।’ उन्होंने कहा कि जिन्होंने जीवनभर चंदा लिया, उगाही व बसूली कर अपनी राजनीति चमकाई, उन्हें भला समर्पण और चंदे में अंतर कैसे पता चलेगा?