पटना

सभी को सचेत रहने की जरूरत : नीतीश


समझ को विकसित करियेगा, तो समाज आगे बढ़ेगा: सीएम

(आज समाचार सेवा)

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि  बाहर से आने वाले हर व्यक्ति को कारोना जांच होगी। रिपोर्ट निगेटिव आने के बावजूद भी कुछ दिनों के लिए अलग रखा जायेगा। दुनिया के अन्य देशों की तुलना में कारेाना संक्रमण से होने वाली मृत्यु दर भारत में कम है।

कारोना संक्रमण में भारत का औसत डेथ रेट १.३ है, जबकि बिहार का ०.५ है। टेस्टिंग के मामले में प्रति १० लाख की संख्या पर देश की औसत जांच दर से बिहार में आठ हजार ज्यादा जांच करायी गयी है। वैक्सीनेशन शुरू होन के बाद जांच की संख्या में कएाफी कमी आ गयी थी, जिसको देखते हुए हमने बैठक कर जांच की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। मुख्यमंत्री मंगलवार को उनसे मिलने गये प्रशिक्षु आइएएस के संवाद में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि कारोना संक्रमण के प्रति सजगता एवं जन जागरूकता के कारण बिहार में कम लोग प्रभावित हुए हैं। हम सभी लोगों का दायित्व है कि वैक्सीनेशन का काम तेजी से हो। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन के बाद भी पुन: कोरोना टेस्ट कराना आवश्यक है।


प्रशिक्षु आइएएस अधिकारियों ने सीएम से की भेंट

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनसे मिलने आये प्रशिक्षु आइएएस अधिकारियों से कहा है कि सरकार की पहल एवं प्राथमिकताओं पर आपकी पूर्ण संवेदनशीलता रहनी चाहिए। समझ को विकसित करियोगा तो समाज आगे बढ़ेगा। देश के साथ-साथ बिहार को भी विकसित बनाना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रारंभ से ही हमने न्याय के साथ विकास के संकल्प के साथ काम करना शुरू किया। इसका मतलब है हर इलाके का विकास और समाज के हर तबके का उत्थान। यही हमार सिद्धांत है। मैं आप सबसे यही उम्मीद करूंगा कि आप सब जब लौटकर आयें तो इन सारी चीजों पर नजर रखें। विकास कार्यों को हर सूरत-ए-हाल में मेंटेन रखना है। उन्होंने कहा कि सात निश्चय योजना के तहत नयी तकनीक के उपयोग की जानकारी के लिए युवाओं को ट्रेनिंग दी गयी है।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बिहार में विकास के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ चलाये गये अभियान, महिला सशक्तिकरण के लिए किये गये प्रयासों से संबंधित जानकारी इन्हें उपलब्ध करायें7 इस संबंध में प्रशिक्षु अधिकारियों को एक-एक प्रति उपलब्ध करायें ताकि इन्हें सभी चीजों को जानकारी हो सके। ये जब लौट कर आयें तो अपनी समझ और अनुभव के आधार पर बिहार को विकसित बनाने की दिशा में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। बिहार की आवादी सघन, जबकि क्षेत्रफल इसकी तुलना में कम है।

उन्होंन कहा कि वर्ष २०१२ में हमने अध्ययन कराया तो जानकारी सामने आयी कि पति पत्नी मैट्रिक में यदि पत्नी मैट्रिक पास है तो देश का औसत प्रजनन दर दो था, जबकि बिहार का भी दो है। पत्नी अगर इंटर थी तो देश का प्रजनन दर १.७ था, जबकि बिहार का १.६ था। इसके बाद हमलोगों नं लड़कियों को कम से कम इंटर तक पढ़ाने का निर्णय लिया और इस दिशा में कई काम किये गये।

जिन प्रशिक्षु आइएएस अधिकारियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की उनमें अनिल कुमार, सुमित कुमार, सुश्री प्रियंका रानी, दीपक कुमार, सौरभ यादव, सुश्री खुशबु गुप्ता, सुश्री प्रति, समीर सौरभ, कुमार अनुराग, स्पर्श गुप्ता एवं यतींद्र कुमार पाल हैं। मुलाकात के वक्त मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी, सामान्य प्रशासन के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल सिंह मौजूद थे।


एक साल बाद फिर से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं इसलिए हम सभी को सचेत रहना है। लोगों को मास्क का प्रयोग करने, हाथ साफ रखने सहित हर जरूरी सलाह दी जा रही है।

ऐसी स्थिति में आपका दायित्व महत्वपूर्ण हो जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष मार्च माह में भारत वर्ष में कोविड १९ को लेकर चर्चा शुरू हो गयी थी। उसके बाद लॉकडाउन का पीरियड शुरू हो गया। राज्य सरकार की तरफ से लोगों को हरसंभव मदद पहुंचायी गयी। बाहर से आने वालों के लिए क्वारेंटाइन सेंटर कीर व्यवस्था की गयी। साथ ही उनके लिए यहां काम के अवसर निकाले गये। पिछले कुछेक समय से कोरोना के मामलों में काफी कमी आ गयी थी, पुन: एक बार फिर से वृद्धि शुरू हो गयी है।

आठ राज्यों में कारोना संक्रमण के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसके कारण काम बंद होगा तो एक बार फिर वापस अपने प्रदेश आयेंगे। उनके लिए क्वारंटाइन सेंटर के साथ- साथ उनके रोजगार का भी प्रबंध किया जा रहा है।