उत्तर प्रदेश वाराणसी

सीएम योगी की पहल पर शुरू ‘मोहल्ला क्लासÓ बना नजीर


कोरोना काल में  गुरुकुल पद्धति आई काम, पेड़ो के नीचे चल रहे क्लास

कोरोना काल में जहां कुछ प्राइवेट स्कूल आनलाइन क्लास चला कर मोटी फ ीस वसूलने में लगे थे एवही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मोहल्ला क्लास चला कर बच्चों को रोजाना पढ़ाया है। वाराणसी से शुरू हुआ मेरा घर मेरा विद्यालय मोहल्ला क्लास पूरे देश में नजीर बन रहा है। कोरोना काल में दो गज दूरी है जरूरी का पालन जब कक्षा में कर पाना संभव नहीं हो पाया तो बेसिक शिक्षा विभाग ने भारत की परंपरागत कक्षा गुरुकुल पद्धति की और ध्यान दिया और ग्रामीण इलाको में पेड़ के नीचे  बच्चों  को बैठा कर उनके के बीच दो गज की दूरी बनाकर क्लास लेना शुरू किया। एक क्लास के बच्चों को एक दिन छोड़कर मोहल्ला क्लास में पढऩे के लिए बुलाया गया जिससे विद्यार्थियों बीच दूरी बनी रहे। ये कक्षाएं अभी तक सफलता पूर्वक चल रहीं है। भारत जब-जब अपने जड़ो की और चलता गया है तब-तब सफ लता की सीढिया भी चढ़ता चला गया है। कोरोना का वायरस भी भारतीय परंपरा के आगे नतमस्तक हो गया।  उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गुरकुल पद्धति पर स्कूलों का संचालन शुरू किया जो अनवरत चल रहा हैं। कोरोना काल के वद्त और बाद में जब कुछ विद्यालय ऑन लाइन क्लास चला रहे थेएऔर अभिभावकों से मोटी  फीस भी वसूल रहे थे। तब बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों ने मेरा घर मेरा विद्यालय कि योजना बनाई और खुले में पेड़ों के नीचे, मोहल्लों में खुली जगहों पर बच्चों के बीच दो गज की दूरी बनाकर कक्षाएं चलाना शुरू कर दिया। विभाग का ये अनोखा व पहला इतना कामयाब काम रहा कि दूसरे राज्यों के लिए मोहल्ला क्लास का तरीका नजीर बन गया और चर्चा होने लगीं। माडल  इंग्लिश प्राइमरी स्कूल एमंडुवाडीह की सहायक शिक्षिका नीलम का कहना है कि शुरू में ऑनलाइन क्लास चलने की कोशिश की गई लेकिन सभी बच्चों के पास मोबाइल और इंटर नेट की सुविधा नहीं होने से ये संभव नहीं हो पाया। मोहल्ला क्लास के लिए भी पहले अभिभावक तैयार नहीं हो रहे थे, लेकिन समझाने के बाद वे बच्चो को भेजने के लिए तैयार हो गए। अब एक कक्षा के बच्चों को एक दिन छोड़ कर बुलाया जाता है। कक्षाएं सफ लता पूर्वक चल  रही है और बच्चे भी इन कक्षाओ  में काफ ी रूचि ले रहे है। मोहल्ला  क्लास में प्राइवेट  स्कूल के बच्चे  भी  इसका फायदा उठा रह है। फ ीस की मार से  बचने  के लिए प्राइवेट  स्कूल के बच्चे अपना नाम  सरकारी  स्कूल  में लिखा  रहे  है और  मोहल्ला  क्लास  में  शिक्षण  कार्य  का  लाभ  उठा  रहे  हैं। ऑनलाइन  क्लास  में  गरीब  बच्चे  पैसे  के अभाव  में मोबाइल, इंटेटनेट नहीं  होने  के  अपनी  पढ़ाई  पूरी  नहीं कर  पा  रहे  थे। मोहल्ला क्लास की शुरआत सरकार के अनुमति के बाद जुलाई से शुरू हुआ था।