प्राइवेट हॉस्पिटल कर रहे मरीजों का शोषण
सीतामढ़ी। जिले में जहां कोरोना का तांडव कितनी मां की गोद सुनी कर रही है, बहनों का सुहाग उजड़ रहा है। चारो ओर त्राहिमाम मचा है। इस समय भी कलयुग के भगवान के बीच कुछ राक्षस भी घुस कर लोगों की पीड़ा बढ़ा रहे है। कई चिकित्सक अपनी जान गवां कर भी सैकड़ों हजारो की जान बचा रहे है तो कई इसमें भी लूट मचाये हुए है। सबसे अहम बात तो यह है कि झोला छाप डॉक्टर भी आजकल कोरोना का इलाज कर रहे है। एक ओर अच्छे से अच्छे डिग्रीधारी डाॅक्टर लोगों की जान बचाने में सक्षम नही हो पा रहे हैं। वही ये झोला छाप भी अपने पास कोरोना के मरीज को भर्ती कर पैसे लूट रहे है।
ऐसा ही एक मामला नगर के सदर अस्पताल गेट के पास के सामने से आया है। जहां मणि हॉस्पिटल के संचालक डॉ नीलमणी के द्वार एक मरीज को कोविड के इलाज के नाम 20 मई को भर्ती कर इलाज शुरू किया गया। 24 मई को छुट्टी के समय मरीज के परिजन से एक लाख की मांग की गई। परिजनों ने किसी तरह 85 हजार रुपये व्यवस्था कर जमा करा दिया। फिर भी इलाज का पूर्जा भी नही दिया और मारने पीटने की धमकी देने लगा। जिसकी सूचना पुलिस पदाधिकारियो को दी गई।
नगर थानाध्यक्ष विकाश कुमार राय ने त्वरित कार्रवाई करते डाॅक्टर नीलमणी को गिरफ्तार कर लिया। मामले को लेकर जिले के परसौनी थाना क्षेत्र के परशुरामपुर निवासी अजय शर्मा की पत्नी मुन्नी देवी के बयान पर प्राथिमिकी दर्ज किया गया है। गिरफ्तार चिकित्सक को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। वैसे बता दे कि डॉ नीलमणी का विवादों से काफी गहरा रिश्ता रहा है। कभी जमीनी विवाद तो कभी फर्जी डिग्री का मामला। अक्सर क्लिनिक को प्रशासन के द्वारा सील कर दिया जाता है और चिकित्सक के द्वारा नाम बदल- बदल कर क्लिनिक चलाया जा रहा था।