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सुप्रीम कोर्ट का UPSC के इन छात्रों को झटका, परीक्षा में नहीं मिलेगा अतिरिक्त मौका


नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने यूपीएससी के उम्मीदवारों को राहत नहीं दी है। कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया, जिनमें उम्मीदवारों के लिए सिविल सेवा परीक्षा में एक अतिरिक्त प्रयास की मांग कर रहे थे। यह छात्र अक्टूबर 2020 में कोरोना महामारी की वजह से पेपर देने से चूक गए थे।

देश की सर्वोच्च अदालत के इस फैसले 2000 से ज्यादा प्रत्याशियों को बड़ा झटका लगा है। इन उम्मीदवारों को कोरोना महामारी की वजह से साल 2020 में अंतिम प्रयास पूरा हो गया था। याचिकाकर्ता की मांग थी कि आयु सीमा को एक बार के उपाय के रूप में हटा देना चाहिए।

इससे पहले केंद्र सरकार ने 5 फरवरी को फाइनल अटेम्‍प्‍ट खो चुके उम्मीदवारों को एक अतिरिक्त मौका देने पर सहमति जताई थी। हालांकि इस शर्त के साथ कि उनकी आयु ऐज बार के अंदर ही हो। इसी मामले में छात्रों ने ऐज रिलेक्‍शेसन की भी मांग की थी जिसको सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया।

अन्‍य छात्रों के साथ अन्‍याय होगा

कोर्ट ने यह माना कि परीक्षा की तैयारी के लिए सभी को पर्याप्‍त मौका दिया गया है और अगर एक्‍स्‍ट्रा अटेम्‍प्‍ट के लिए ऐज रिलेक्‍शेसन दिया जाएगा तो यह अन्‍य छात्रों के साथ अन्‍याय होगा। इसके बाद आगे भी छात्र इस फैसले का हवाला देकर ऐज रिलेक्‍शन की मांग कर सकते हैं जिसका कोई अंत नहीं निकल पाएगा।

बता दें कि कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में 25 जनवरी को हलफनामा दायर की था। कहा था ऐसे छात्रों को एक अतिरिक्त मौका नहीं दिया जाएगा जिनके सभी अटेम्‍प्‍ट्स पूरे हो हो गए हैं, लेकिन कोर्ट ने मौखिक रूप से सुझाव दिया था कि एक अतिरिक्त मौका इस स्थिति में दिया जा सकता है कि उम्‍मीदवार निर्धारित आयुसीमा पूरी न कर चुका हो।