सम्पादकीय

सैन्य विलक्षणताओंसे भरा वर्ष


ब्रिगे. कुलदीप सिंह काहलों
हथियारबंद सेनाओंका ढांचा, आधुनिकीकरण, सैन्य तैयारी, बहुपक्षीय विकास, वेतन-भत्ते, पेंशन आदि जैसे खर्चोंका दारोमदार जहां रक्षा बजटपर निर्भर करता है वहीं सरकारकी दूरदर्शितावाली राष्ट्रीय सुरक्षा नीतिके साथ शासकों द्वारा सैन्य वर्गके कल्याण हेतु स्पष्ट नीतिपर साफ नीयतका होना भी जरूरी है। इस संबंधमें सेनाके बीते सालकी विशेषताओं तथा चुनौतियोंका विशलेषण करना जरूरी है। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदीने दो दशकोंसे पैंडिंग सुरक्षाकी जरूरतको महसूस करते हुए लाल किलेकी प्राचीरसे १५ अगस्त २०१९ को अचानक चीफ ऑफ डिफैंस स्टाफ (सीडीएस) की स्थापना करनेवाली अपनी मंशा जाहिर की। कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटीकी सिफारिशोंपर नैशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (एनएसए) अजीत डोभालवाली उच्चस्तरीय कमेटीकी रिपोर्टको मुख्य रखते मोदी सरकारने सीडीएसका मुख्य ढांचा, कर्तव्य, जिम्मेदारियां आदि निश्चित करके २४ दिसम्बर, २०१९ को आदेश जारी कर दिया। उल्लेखनीय है कि जनरल बिपिन रावतको देशका पहला सीडीएस नियुक्त कर दिया गया तथा उन्होंने १ जनवरी २०२० को यह पद संभाल लिया। इसके साथ ही सैन्य मामलोंसे संबंधित एक नया विभाग डीएमए अस्तित्वमें आया जो कि सेनाके ढांचेमें परिवर्तनका मुख्य संकेत कहा जा सकता है।
देश तथा फौजके इतिहासमें यह पहली बार हुआ जब ७१वें गणतंत्र दिवसके शुभ अवसरपर प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदीने नव-नियुक्त सीडीएस, तीनों फौजोंके प्रमुख तथा रक्षा सचिव समेत पहलेकी तरह अमर जवान ज्योति, इंडिया गेटकी बजाय नैशनल वार मैमोरियल (एनडब्ल्यूएम) में परम्पराके अनुसार शहीदोंको श्रद्धांजलि भेंट की। उल्लेखनीय है कि प्रधान मंत्रीने बीती २५ फरवरीको एनडब्ल्यूएम देशको समॢपत किया था जहां २५९४२ शहीदोंके नाम अंकित हैं। हथियारोंकी खरीद-फरोख्तमें कथित घपलोंके कारण देशवासियोंको इस बातकी जानकारी तो है कि भारत महत्वपूर्ण जरूरतोंकी पूर्ति जैसे कि बोफोर्स तोपों, हैलीकॉप्टर, राफेल वगैरह आयात करता है परन्तु इस बातकी जानकारी आम जनताको कम ही होगी कि हमारा देश विशेष तौरपर कई छोटे देशोंको हथियार निर्यात भी करता है। इस संबंधमें लखनऊमें रक्षामंत्री राजनाथ सिंहकी देखरेखमें ५ से ८ फरवरीके बीच रक्षा प्रदर्शनी लगायी गयी जिसका उद्ïघाटन प्रधान मंत्रीने किया। इस प्रदर्शनीमें हिंदुस्तान एरोनॉटिक्सने प्रमुख भूमिका निभाई तथा ८५६ भारतीय डिफैंस फर्मोंने उनकी तरफसे तैयार किये गये कई किस्मके हथियार, यंत्र, सैन्य साजो-सामान प्रदर्शित किये। सुप्रीमकोर्टने १७ फरवरीको लिंग भेदभावको खत्म करनेके नजरियेके साथ महिलाओंको हथियारबंद सेनाओंमें स्थायी कमिशन मुहैया करवानेके साथ कमांड संभालनेका रास्ता भी साफ कर दिया। भारतीय सेनाके इतिहासमें यह पहली बार हुआ है जब असम राइफल्ससे महिला सैनिकोंको गत वर्षके मध्यमें डैपुटेशनपर लाकर उत्तरी कश्मीरके तंगधार सैक्टरमें लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) के नजदीक जारी अप्रत्यक्ष युद्धमें अपनी नियमित भूमिका निभानेके लिए तैनात कर दिया। भारतने ५९००० करोड़की लागतसे राफेल फाइटर जैट फ्रांससे खरीदनेके लिए सितम्बर २०१६ में सौदा किया। पहले पांच विमान जुलाई २०२० में भारत पहुंचे तथा उनको रक्षामंत्रीने फ्रांसके रक्षामंत्रीकी उपस्थितिमें १० सितम्बरको एयरफोर्स स्टेशन अम्बालाके १७ एयरफोर्स स्क्वाड्रनको सौंप दिया जिसके साथ जंगी तैयारीको बल मिलेगा। बीते सालके शुरूमें आर्मी मैडीकल कोरके डायरैक्टोरेट मैडीकल सॢवसेज इंडियन एयरफोर्सके साथ मिलकर कोरोना वायरससे जूझ रही थी तो चीनने घटिया हरकतोंसे बाज न आते हुए लद्दाखके पश्चिमी सैक्टरमें पेंगौंग-त्सो झीलके उत्तरी तरफ भारतीय क्षेत्रमें ५-६ मईको पीएलएके कुछ सैनिक दाखिल करके तारवाले डंडोंसे हमला किया। १५-१६ जूनको गलवान घाटीमें दुश्मनको पीछे धकेलते समय हमारे २० सैनिक शहीद हो गये। चीनके भी लगभग ४० से अधिक हमलावर मारे गये। वहांपर स्थिति अब भी तनावपूर्ण है। दोनों देशोंके लगभग ५०-५० हजार सैनिक आमने-सामने हैं। चीन कहीं युद्धकी तैयारीमें तो नहीं लगा हुआ था।
यह उल्लेख करना भी उचित होगा कि अलग तौरपर निर्धारित किये गये १,३३,८२९ करोड़के पेंशन बजटको घटानेके मकसदसे सीडीएस कई तरहके सुझाव पेश कर रहा है। एक तरफ तो वित्तमंत्रीने १ जनवरीसे लागू होनेवाले महंगी भत्तेपर १८ महीनोंके लिए रोक लगा दी है, फिर जब १५-१६ जूनको गलवान घाटीमें हमारे शहीदोंका खून अभी सूखा भी नहीं था, सैनिकोंकी पेंशनें कम करनेवाली खबर अखबारोंमें सुर्खी बनी। इसका सबसे अधिक प्रभाव विधवाओंपर पड़ेगा। जय जवान जय किसानके संकल्पको लागू करनेके लिए सेनाका राजनीतिकरण बंद हो, किसानोंकी समस्याओंको तुरन्त हल किया जाय। इससे देश और सेनाकी भलाई होगी।