प्रमाणपत्रों की वैधता की होगी निगरानी जांच
(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। पंचायतीराज एवं नगर निकायों के वैसे हजारों शिक्षकों को राहत मिली है, जो शिक्षा विभाग के वेबपोर्टल पर सर्टिफिकेट अपलोड नहीं कर पाये थे। ऐसे शिक्षक 23 अगस्त से 31 अगस्त तक वेबपोर्टल पर सर्टिफिकेट अपलोड कर सकेंगे। इसके लिए 23 अगस्त से 31 अगस्त तक वेबपोर्टल खुला रहेगा।
इस बाबत प्राथमिक शिक्षा निदेशक अमरेंद्र प्रसाद सिंह द्वारा सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) को निर्देश दिये गये हैं। निर्देश के मुताबिक इसके बाद सर्टिफिकेट अपलोड करने के लिए अवसर नहीं मिलेगा। दरअसल, पटना उच्च न्यायालय के न्यायादेश के अनुपालन में वर्ष 2006 से 2015 तक नियुक्त पंचायतीराज एवं नगर निकाय शिक्षकों के सर्टिफिकेट की निगरानी जांच करायी जा रही है।
तकरीबन 3,12,180 शिक्षकों में से तकरीबन 89,874 शिक्षकों के सर्टिफिकेट के फोल्डर जांच के लिए जब निगरानी को नहीं मिले, तो उनसे सर्टिफिकेट पोर्टल पर अपलोड कराने का फैसला लिया गया। इसके लिए एनआईसी के सहयोग से शिक्षा विभाग का पोर्टल बना। वेबसाइट पर उन शिक्षकों की सूची जारी की गयी, जिनके सर्टिफिकेट पोर्टल पर अपलोड होने थे। उसके बाद शिक्षकों को 21 जून से लेकर 20 जुलाई तक सर्टिफिकेट इस चेतावनी के साथ पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया गया कि ऐसा नहीं करने पर उनकी नौकरी तो जायेगी ही, उनके द्वारा वेतनादि मद में ली गयी राशि भी वसूल की जायेगी।
सर्टिफिकेट अपलोड करने की अवधि में शिक्षक संगठनों द्वारा यह सवाल भी उठाये गये कि वेबसाइट पर शिक्षकों से जुड़ी जानकारियों में कई प्रकार की त्रुटियां हैं, जिससे शिक्षकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके मद्देनजर त्रुटियों के निराकरण के निर्देश जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) को दिये गये। त्रुटियों के निराकरण के बाद वेबपोर्टल खोले जा रहे हैं। हालांकि, 20 जुलाई तक निगरानी जांच से छूटे शिक्षकों में से तकरीबन 95 फीसदी शिक्षकों के सर्टिफिकेट पोर्टल पर अपलोड हो गये थे।