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हां मुझे आलराउंडर कहा जा सकता है-शार्दूल ठाकुर


मुम्बई (एजेन्सियां)। आस्ट्रेलिया दौरेके दौरान भारतीय टीम के लिए हीरो बनकर उभरे शार्दूल ठाकुर अब भारतके श्रेष्ठ आलराउंडर्स में शामिल हो गये हैं। वे अपने प्रदर्शनसे बहुत खुश हैं। उन्होंने कहा है हां मुझे आलराउंडर कहा जा सकता है। ब्रिसबेन टेस्टमें शार्दूलने सात विकेट चटकाए और भारतकी पहली पारी में आठवें नंबरपर बल्लेबाजी करते हुए ३७ रनके साथ शीर्ष स्कोरर भी रहे। शार्दूलने २०१८ में डेब्यू किया था लेकिन तब चोटके कारण सिर्फ १० गेंद फेंक पाये थे। शार्दूलने कहा मेरे पास बल्लेबाजी करनेकी क्षमता है और भविष्यमें मुझे जब भी मौका मिलेगा तो मैं टीम के स्कोरमें उपयोगी योगदान दूंगा। शार्दूलके पास ब्रिसबेन में दूसरी पारी में पांच विकेट चटकार इस प्रदर्शनको और यादगार बनानेका मौका था लेकिन उन्हें इससे चूकनेका मलाल नहीं है बल्कि साथी तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराजके लिए खुशी है जिन्होंने पांच विकेट चटकाये।
उन्होंने कहा मैंने प्रार्थनाकी थी कि उसे पांच विकेट मिले क्योंकि वह मुश्किल समय का सामना कर रहा था। सिराज जब टीम के साथ थे तब भारत में उनके पिता का निधन हो गया लेकिन उन्होंने आस्ट्रेलिया में ही रुकने का फैसला किया और स्वदेश लौटने का विकल्प मिलने के बावजूद राष्ट्रीय टीम की ओर से खेलने का फैसला किया। शार्दूल ने कहा यह उसके लिए भावनात्मक शृंखला थी। हाल में उसके पिता का निधन हो गया और उसने बताया कि कैसे उसके पिता चाहते थे कि वह क्रिकेट खेले। वह भले ही इस दुनिया में मौजूद नहीं है लेकिन वह जहां भी हैं वहां से उसे देख रहे हैं और उसे पांच विकेट हासिल करते हुए देखकर उन्हें बहुत खुशी हुई होगी। उन्होंने कहा इसलिए जब मैंने कैच पकड़ा तो मैं बेहद खुश था। मैंने कहा कि भगवान का शुक्र है कि सिराज को पांच विकेट। उन्होंने कहा आस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिसबेन में खेलना आसान नहीं होता, सभी को ब्रिसबेन में उनके रेकार्ड के बारे में पता है, उन्होंने १९८८ से वहां कोई टेस्ट मैच नहीं गंवाया था जब तक कि हमने उन्हें नहीं हराया।