जम्मू (आससे)। कश्मीर में तीन दिनों से हो रही भयानक बर्फबारी के बीच अधिकारियों की उस चेतावनी ने कश्मीरियों को दहशतजदा कर दिया है जिसमें कहा गया है कि ऊंचाई वाले इलाकों में अगले 4-5 दिनों तक हिमस्खलन और भूस्खलन का खतरा मंडराता रहेगा। ऐसे में इन इलाकों में रहने वालों को घरों से बाहर निकलने की मनाही की गई है। दरअसल आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने जम्मू और कश्मीर संभाग के ऊंचाई वाले इलाकों में हिमस्खलन और भूस्खलन की चेतावनी जारी की है। यही नहीं ऊंचाई वाले इलाकों में रहने वाले लोगों को यह स्पष्ट हिदायत दी है कि वह इस दौरान अपने घरों से बाहर न निकलें। जम्मू कश्मीर आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की जम्मू व कश्मीर संभाग के ऊंचाई वाले इलाकों में हिमस्खलन की चेतावनी के बाद प्रशासन ने आपदा प्रबंधन केंद्रों को पूरी तरह से तैयार रखने को कहा है ताकि हर प्रकार के हालात से निपटा जा सके। हिमस्खलन की आशंका वाले क्षेत्रों पर अधिक नजर रखी जा रही है। इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए सभी प्रबंध किए गए हैं। जरूरी सेवाओं को बहाल करने की स्थिति के बारे में पंचायती राज संस्थानों के सदस्यों से भी जानकारी ली गई। सभी उपायुक्तों को अपने-अपने जिलों में बिजली बहाली के अलावा अस्पतालों में जरूरी सामान की सप्लाई के बारे में जानकारी रखने की हिदायत दी गई है। यही नहीं जिन महिलाओं को इन दिनों प्रसव की उम्मीद है, उन्हें पहले ही अस्पतालों में भर्ती करवा दिया गया है। याद रहे घाटी 40 दिनों की भीषण सर्दी की अवधि से गुजर रही है, जिसे चिल्ले कलां कहा जाता है। यह 21 दिसंबर से शुरू होता है और 30 जनवरी को समाप्त होता है। कश्मीर के मंडलायुक्त ने उच्चस्तरीय बैठक कर अधिकारियों को हिमपात से पैदा होने वाली किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। लोगों को इन दिनों के दौरान अपने घरों से बाहर निकलने या पैदल यात्रा करने से परहेज करने की सलाह दी गई है।पिछले चार दिनों से हो रही भारी बर्फबारी होने के कारण जनजीवन पर व्यापक असर पड़ा है। कई जिलों में बिजली और पानी की सप्लाई प्रभावित हुई है। वहीं अस्पतालों तक में मरीजों का पहुंचना दुभर हो रहा है। स्थिति से निपटने के लिए सभी जिलों में कंट्रोम रूम स्थापित किए गए हैं।