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होली में मुश्किल हुई दिल्ली से पूर्वांचल और बिहार की राह, सभी प्रमुख ट्रेनों में ‘नो रूम’


गोरखपुर, होली पर्व में दिल्ली से पूर्वांचल और बिहार की राह मुश्किल होती जा रही। न ट्रेनों का कन्फर्म टिकट मिल रहा और न रोडवेज की बसों में जगह। डग्गामार बसों की चांदी है। भीड़ बढ़ते ही प्राइवेट बस संचालकों (ट्रांसपोर्टरों) ने दिल्ली से गोरखपुर के लिए दो से ढाई गुना अधिक किराया बढ़ा दिया है। लोग एक हजार से 12 सौ रुपये की जगह ढाई से तीन हजार रुपये खर्च करने को मजबूर हैं।

स्लीपर का 400 से ऊपर पहुंचा वेटिंग, किसी भी श्रेणी में नहीं मिल रहा कन्फर्म टिकट

जानकारों के अनुसार दिल्ली से आने वाली गोरखधाम और वैशाली आदि एक्सप्रेस ट्रेनों के जनरल कोचों में नो रूम (टिकटों की बुकिंग बंद) हो गया है। स्लीपर कोचों का टिकट 400 से ऊपर वेटिंग मिल रहा है। किसी भी श्रेणी का कन्फर्म टिकट नहीं मिल रहा। ट्रेनों और बसों में पैर रखने की जगह नहीं है। अधिकतर लोग अभी भी स्पेशल ट्रेन और बसों का इंतजार कर रहे हैं। यही स्थिति पंजाब और मुंबई से गोरखपुर आने वाली एक्सप्रेस ट्रेनों की है। स्पेशल ट्रेन और बस की प्रतीक्षा में होली का उमंग गायब होता जा रहा है। घर वाले साथ होली खेलने का इंतजार कर रहे तो प्रवासी स्वजन को अबीर-गुलाल लगाने तथा साथ बैठकर गुझिया और पापड़ खाने के लिए बेचैन हैं। यह तब है जब रेलवे प्रशासन दिल्ली और मुंबई रूट पर स्पेशल ट्रेनें चला रहा है। ट्रेनों में अतिरिक्त कोच लगाए जा रहे हैं। रोडवेज भी अतिरिक्त बसों को चलाने का दावा कर रहा है।

22 तक क्षमता से अधिक चलाई जाएंगी बसें, छुट्टियां रद

परिवहन निगम के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक एके मिश्रा के अनुसार गोरखपुर से दिल्ली, कानपुर और लखनऊ रूट पर 22 मार्च तक क्षमता से अधिक बसें चलाई जा रही हैं। चालकों और परिचालकों के अलावा संबंधित कर्मियों की छुट्टियां रद कर दी गई हैं। 22 मार्च तक नियमित कार्य करने वाले कर्मचारियों को निर्धारित प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इस बार होली पर्व के दौरान नियमित कार्य करने वाले संविदा कर्मियों को भी प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया गया है।