Post Views: 738 हृदयनारायण दीक्षित कोरोना महामारीके बाद अब बर्डफ्लूका संकट है। पक्षियोंके मांससे खाना बनानेवाले तमाम होटलोंका व्यापार घटा है। नए भोजन विशेषज्ञ पैदा हो रहे हैं। वह समाचार पत्रोंमें पक्षियोंका मांस खानेकी तरकीब बता रहे हैं कि एक खास डिग्री तापमानपर उबालने या भोजन बनाने से बर्डफ्लूका खतरा नहीं रह जाता है। उधर […]
Post Views: 692 अनिल जैन पानीके संकटको स्पष्ट तौरपर दुनियाभरमें महसूस किया जा रहा है और विशेषज्ञ चेतावनी दे चुके हैं कि अगला विश्व युद्ध यदि हुआ तो वह पानीको लेकर ही होगा। जिस तेजीसे पानीका संकट विकराल रूप लेता जा रहा है, कमोबेश उसी तेजीसे जंगलोंका दायरा भी सिकुड़ता जा रहा है। जब मनुष्यने […]
Post Views: 578 आध्यात्मिकता और राजनीति दोनोंका ही मानवता एवं मानवके साथ गहरा संबंध है। राजनीतिका उद्देश्य सुशासन लाना और भौतिक एवं भावानात्मक सुविधाओंको जनतातक पहुंचाना है। वहीं आध्यात्मिकताका लक्ष्य नैतिकता एवं मानवीय मूल्योंको बढ़ाना है। किसी भी देशकी समृद्धि एवं विकासके लिए राजनीति एवं आध्यात्मिकताका एक साथ चलना अति आवश्यक है। सुशासन एवं अच्छे […]