अजीत पवार ने की आलोचना
समाचार एजेंसी प्रेट्र के मुताबिक, शिवसेना (Shivsena) में बगावत के कारण उद्धव ठाकरे को इस्तीफा देना पड़ा था। शिंदे और फडणवीस ने क्रमश: 30 जून को मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। दोनों तब से दो सदस्यीय मंत्रिमंडल के रूप में काम कर रहे हैं। इसकी राकांपा के नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री अजित पवार सहित विपक्षी दलों के कई नेताओं ने आलोचना की है।
देवेंद्र फडणवीस बोले, अजीत पवार ऐसी बातें कहेंगी ही
देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को मीडिया से कहा कि अजित पवार विपक्ष के नेता हैं। वह तो ऐसी बातें कहेंगे ही, लेकिन यह भूल जाते हैं कि जब वह सरकार में थे, तो पहले 32 दिनों में सिर्फ पांच मंत्री थे।
माना जा रहा था कि मुख्यमंत्री शिंदे अपने मंत्रिमंडल विस्तार के लिए सुप्रीम कोर्ट में लंबित महाराष्ट्र संबंधी कई याचिकाओं के फैसले का इंतजार कर रहे थे। शिंदे गुट के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने कहा कि पहला मंत्रिमंडल विस्तार सात अगस्त तक किए जाने की योजना थी, लेकिन अब मुख्यमंत्री का स्वास्थ्य ठीक होने पर ही मंत्रिमंडल विस्तार हो सकेगा। दूसरी ओर, भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने भी एक बयान में कहा कि 15 अगस्त से पहले मंत्रिमंडल विस्तार हो जाएगा। ताकि नए मंत्री स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव वर्ष में जिला मुख्यालयों पर झंडारोहण कर सकें।
गौरतलब है कि 30 जून को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शपथ ली थी। उसके बाद से मंत्रिमंडल विस्तार नहीं हो सका है। इसे लेकर विपक्ष लगातार मुद्दा बना रहा है। एक दिन पहले ही राकांपा का प्रतिनिधिमंडल नेता प्रतिपक्ष अजीत पवार के नेतृत्व में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलकर मंत्रिमंडल विस्तार की मांग कर चुका है।