मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि देश में सबसे ज्यादा ऑक्सीजन पूर्वी हिस्सों में बनती है. लेकिन अभी सबसे ज्यादा जरूरत उत्तर और मध्य हिस्से में है. सामान्य तौर पर ये ऑक्सीजन टैंकर के जरिए पहुंचाई जाती थी. इसमें काफी समय लग जाता था. इस समय को कम करने के लिए सरकार वायुसेना की मदद से खाली टैंकर्स को पहुंचा रही है. फिर भरे हुए टैंकर्स ऑक्सीजन एक्सप्रेस के जरिए भेजे जा रहे हैं. भरे हुए टैंकर्स को तकनीकी कारणों से एयरलिफ्ट नहीं किया जा सकता.
राज्यों की मांग के हिसाब से की जा रही है आपूर्तिपिछले दो सप्ताह से राज्यों को मांग के अनुसार ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है. किसी की मांग को अनदेखा नहीं किया जा रहा है. खास बात ये है कि ऑक्सीजन की मांग बढ़ गई है इसलिए टैंकर्स की संख्या बढ़ाई जा रही है. साथ ही साथ विदेश से टैंकर्स मंगाए जा रहे हैं. इसके अलावा देश में भी मैन्यूफैक्चरिंग बढ़ाई जा रही हैं.
टैंकर्स को ट्रैक करने के लिए जीपीएस सिस्टम का किया जा रहा है इस्तेमाल
स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि अब टैंकर्स की जीपीएस ट्रैकिंग भी जा रही है. इसके जरिए ऑक्सीजन को वक्त से पहुंचाने में मदद मिल रही है. गृह मंत्रालय ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत आदेश दिए हैं कि सभी राज्यों में ऑक्सीजन टैंकर्स को बेरोकटोक चलने दिया जाए.