नयी दिल्ली (आससे)। चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश और बिहार में होने वाले विधान परिषद चुनाव और उपचुनाव के लिये तारीखों की घोषणा कर दी है। उत्तर प्रदेश की 12 सीटों पर द्विवार्षिक और बिहार की 2 विधान परिषद सीटों पर 28 जनवरी को उपचुनाव होंगे। इसी दिन शाम को चुनाव परिणाम भी घोषित कर दिये जायेंगे। बिहार में नरेंद्र नाथ झा और सुशील मोदी के हटने के बाद दोनों सीटें खाली हुई हैं, जबकि उत्तर प्रदेश में सभी 12 एमएससी का कार्यकाल खत्म हो रहा है। इन सभी का चुनाव विधायकों द्वारा किया जाना है। उत्तर प्रदेश में जिन 12 विधान परिषद सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो रहा है, उनमें दिनेश शर्मा, अहमद हसन, आशू मलिक, धर्मवीर सिंह अशोक, प्रदीप कुमार जाटव, रमेश यादव, रामजतन, लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, वीरेंद्र सिंह, स्वतंत्र सिंह, साहब सिंह शामिल हैं। 12वां नाम नसीमुद्दीन सिद्दिकी का है, जिन्हें अयोग्य घोषित किया गया था। वहीं, बिहार में विनोद नारायण झा की सीट का कार्यकाल 21 जुलाई 2022 तक और सुशील मोदी वाली सीट का कार्यकाल 6 मई 2024 तक है। चुनाव आयोग ने इन सीटों के लिये जो चुनाव कार्यक्रम जारी किया है, उसके अनुसार 18 जनवरी तक नामांकन दाखिल किये जा सकेंगे और 21 जनवरी तक नाम वापस लिये जा सकेंगे। 28 जनवरी को सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक मतदान होगा और 5 बजे मतगणना होगीए जिसके बाद परिणाम घोषित कर दिये जायेंगे। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधान परिषद में सौ सदस्य हैं। इसमें बहुमत के लिए 51 का आंकड़ा चाहिये। विधान परिषद शिक्षक क्षेत्र के चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के 52, बीजेपी के 19, बसपा के आठ, कांग्रेस के दो और अपना दल सोनेलाल व शिक्षक दल के एक-एक के साथ तीन निर्दलीय सदस्य थे। इसके साथ 14 सीटें खाली थीं, जिनमें पांच स्नातक और छह शिक्षक कोटे की सीटों पर चुनाव हुए। स्नातक व शिक्षक कोटे की सीटों के नतीजे आने के बाद सपा की संख्या अब 55 हो गई है। बीजेपी के सदस्य अब 25 हैं। बसपा और कांग्रेस की स्थिति पहले जैसी है। अभी भी तीन सीट खाली हैं। इनमें बदायूं की स्थानीय निकाय प्रतिनिधियों वाली सीट के साथ नसीमुद्दीन सिद्दीकी की सदस्यता चले जाने से दूसरी सीट खाली है। तीसरी खाली सीट मनोनीत सदस्य की है। इनमें सपा के राम सिंह यादव का कोरोना से निधन हो गया था। राज्यपाल के मनोनीत दस 10 सदस्यों में से एक राम सिंह यादव भी थे।