मुजफ्फरपुर (आससे)। यूपी पीसीएस 2019 का फाइनल रिजल्ट घोषित हो गया है। टॉप टेन में बिहार के कुणाल गौरव ने भी स्थान बनाया है। कुनाल मुजफ्फरपुर के रहने वाले हैं। उन्हें चौथा स्थान मिला है। पहली बार कुणाल ने यूपी की प्रतियोगी परीक्षा में भागीदारी की और पहली ही बार में शानदार रिजल्ट के साथ चौथा स्थान हासिल कर लिया है।
कुणाल इस समय पावर ग्रिड में इंजीनियर हैं। उनकी तैनाती बिहार के ईस्टर्न रीजन के लखीसराय में है। कुनाल ने बीएचयू आईआईटी से ही इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की है। कुनाल के परिवार में माता सविता और पिता त्रिभुवन सिंह के अलावा बड़ी बहन हैं। बहन की शादी हो चुकी है। कुनाल के परिवार में सभी लोगों का रिश्ता पढ़ाई लिखाई से ही रहा है। तीन जनरेशन से परिवार के लोग टीचर की जॉब से जुड़े हुए हैं।
कुणाल की नानी के बाद पिता जी भी सरकारी स्कूल में टीचर रहे हैं। मां, बहन और जीजा भी टीचर ही हैं। कुणाल अपने परिवार के पहले ऐसे व्यक्ति हैं जो प्रशासनिक सेवा में जा रहे हैं। मेडिटेशन और योग कुणाल की हॉबी है। खुद तो रोजाना योग करते ही हैं अन्य लोगों को भी योग के प्रति जागरूक और प्रेरित करते रहते हैं। कुणाल की शानदार सफलता की खबर घर पहुंचते ही खुशियां छा गईं। परिवार में मिठाइयां बंटने लगीं और दूर दूर से परिचितों और रिश्तेदारों का फोन आना शुरू हो गया।
टॉप टेन में केवल कुणाल ही बिहार से हैं। अन्य सभी नौ प्रतिभागी यूपी के अलग अलग जिलों से हैं। पहले नंबर पर मथुरा के विशाल सारस्वत, दूसरे पर प्रयागराज के युगांतर त्रिपाठी और तीसरे पर लखनऊ की पूनम गौतम हैं। पांचवें स्थान पर कांशीरामनगर की प्रियंका कुमारी हैं। मऊ के अभिषेक कुमार सिंह छठवें, जौनपुर के सचिन सिंह सातवें, दिल्ली की नीलम यादव आठवें, वाराणसी के सिद्धार्थ पाठक को नौवां और दिल्ली की विकल्प को 10वां स्थान मिला है।
रिजल्ट जारी करते हुए आयोग के सचिव जगदीश के अनुसार कुल 25 प्रकार के पदों के लिए उपलब्ध 453 रिक्तियों के सापेक्ष 434 अभ्यर्थियों को ही अंतिम रूप से सफल घोषित किया गया है। परीक्षा में सम्मिलित विस्तार सेवा अधिकारी श्रेणी 2 की एक, श्रम प्रवर्तन अधिकारी की एक, जिला उद्यान अधिकारी श्रेणी 2 ग्रेड 1 की दो, लेखा एवं सम्प्रेक्षा अधिकारी की 6, विधि अधिकारी लोक निर्माण विभाग की चार, ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक की एक, पशु चिकित्सा एंव कल्याण अधिकारी की दो तथा खाद्य सुरक्षा अधिकारी की दो रिक्तियां योग्य अभ्यर्थी न मिलने के कारण खाली रह गई।