यह दलबदल नहीं क्रांति है
इस दौरान उन्होंने कहा कि बालासाहेब ने हमें अन्याय के खिलाफ लड़ना सिखाया है। यह दलबदल नहीं है, बल्कि एक क्रांति है। सभी विधायक स्वेच्छा से मेरे साथ जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि संजय राउत जैसे नेताओं के पास आरोप लगाने के अलावा और कुछ नहीं है। शिंदे ने जोर देकर कहा कि वह असली शिवसेना के नेता हैं। शिवसेना की स्वाभाविक सहयोगी भाजपा से हाथ मिलाने के लिए कम से कम तीन या चार बार उद्धव ठाकरे से आग्रह किया गया, लेकिन उन्हें समझाने में हम असफल रहे।
केंद्र के सहयोग से होगा महाराष्ट्र का विकास
शिंदे ने भरोसा व्यक्त किया कि केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य का विकास बहुत ही तेजी से होगा। उन्होंने कहा कि आम आदमी, किसान एवं समाज के सभी वगरें के हित के लिए हमने इस सरकार का गठन किया है। यह सरकार सभी के हितों का ध्यान रखकर ही कार्य करेगी। इसके लिए केंद्र के सहयोग की जरूरत पड़ेगी। वह प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को समझते हुए केंद्र के सहयोग से राज्य के विकास का प्रयास करेंगे।
राष्ट्रपति, पीएम सहित कई नेताओं से की मुलाकात
मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार शुक्रवार को दिल्ली पहुंचे एकनाथ शिंदे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। एक दिन बाद ही सुप्रीम कोर्ट में शिवसेना की ओर से दायर कई याचिकाओं पर सुनवाई भी होनी है। पता चला है कि उप मुख्यमंत्री फड़नवीस के साथ शिंदे ने इस संबंध में अपनी कानूनी टीम से भी चर्चा की है।