ये मिल चुके हैं सम्मान
बालामणि अम्मा को उनके शानदार लेखन के लिए पद्म भूषण, साहित्य अकादमी पुरस्कार और सरस्वती सम्मान सहित कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। केरल के पुन्नारयुरकुलम में जन्मी बालामणि अम्मां को लोग सम्मान से “मातृभूमि की कवयित्री” भी कहते हैं।
लेखन की ऐसे ही शुरुआत
मलायलम साहित्य की अम्मा के बारे में कहा जाता है कि, औपचारिक शिक्षा प्राप्त नहीं की। अपने मामा के पुस्तक संग्रह को पढ़ती रहती थीं। यहीं से उनके भीतर लिखने का शौक जागा और फिर बालामणि अम्मां इस क्षेत्र में आगे बढ़ती चली गईं।
इस दिन प्रकाशित हुई थी पहली कविता
बालमणि अम्मा की पहली कविता Koppukai 1930 में प्रकाशित हुई थी, जब वह सिर्फ 21 वर्ष की थीं। उन्होंने कविताओं के 20 से अधिक संकलन, साथ ही अनुवाद जैसे अन्य कार्यों को प्रकाशित किया था।