कोलकाता। शिक्षक नियुक्ति घोटाले में ईडी ने अब अमेरिका में रह रही पार्थ चटर्जी की बेटी सोहिनी भट्टाचार्य व दामाद कल्याणमय भट्टाचार्य को तलब किया है। ईडी की तरफ से उन्हें ईमेल भेजकर अविलंब कोलकाता आने को कहा गया है।सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ईडी की तरफ से पार्थ की बेटी को फोन किया गया था लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। इसके बाद उन्हें टेक्स्ट मैसेज किया गया लेकिन सोहिनी की तरफ से उसका भी कोई जवाब नहीं आया। इसके बाद ईमेल भेजकर उन्हें तलब किया गया है।
पार्थ की गिरफ्तारी को 15 दिनों के बावजूद उनकी बेटी अब तक कोलकाता नहीं आई
पार्थ की गिरफ्तारी को 15 दिनों से ज्यादा समय हो चुका है। इसके बावजूद उनकी बेटी अब तक कोलकाता नहीं आई हैं। इसे लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। ईडी का मानना है कि पार्थ की बेटी व दामाद से पूछताछ करने पर मामले से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां हाथ लग सकती हैं। ईडी यह भी पता करने की कोशिश कर रही है कि पार्थ ने अपनी बेटी और दामाद को काली कमाई का कोई हिस्सा भेजा था या नहीं।
इस बीच पार्थ चटर्जी व अर्पिता मुखर्जी की ईडी हिरासत आज खत्म हो रही है। दोनों को आज फिर अदालत में पेश किया जाएगा। ईडी दोनों की हिरासत बढ़ाने का अदालत से आवेदन करेगी। ईडी का कहना है कि अभी भी दोनों से काफी सारी पूछताछ बाकी है। दूसरी तरफ पार्थ और अर्पिता के अधिवक्ता अपनेमुवक्किललों को जमानत पर रिहा कराने की पूरी कोशिश करेंगे।
दूसरी तरफ कलकत्ता हाई कोर्ट में राज्य के विभिन्न कालेजों में गेस्ट लेक्चरर की नियुक्ति में अनियमितता को लेकर दायर किए गए मामले पर भी आज महत्वपूर्ण सुनवाई हो सकती है। यह मामला हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव व न्यायाधीश राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ में है। मामलाकारियों का आरोप है कि राज्य के विभिन्न कालेजों में गेस्ट लेक्चरर की नियुक्ति में भी नियमों का जमकर उल्लंघन हुआ है। जिनकी कालेज प्रोफेसर बनने की योग्यता नहीं थी, उनकी गेस्ट लेक्चरर के तौर पर नियुक्ति कर दी गई। 12 से 14 हजार गेस्ट लेक्चरर की नियुक्ति में अनियमितता बरती गई है।
शिक्षक नियुक्ति घोटाले को लेकर ममता सरकार पहले से ही सवालों के घेरे में है, उसपर कालेज लेक्चरर की नियुक्ति में भी अनियमितता का मामला सामने आने से उसकी परेशानी और बढ़ सकती है। मामलाकारियों का कहना है कि पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी इस मामले में जिम्मेदारी लेने से बच नहीं सकते। कालेज सर्विस कमीशन के चेयरमैन के अलावा उच्च शिक्षा विभाग के कई अधिकारी व इंटरव्यू के लिए गठित बोर्ड के सदस्य भी इस भ्रष्टाचार से जुड़े हुए हैं।