हंगामा होते देख पुलिस ने कुछ कार्यकर्ताओं को बस में बिठाकर वहां से लेकर भी गई। मालूम हो कि शराब नीति 2022-23 को लेकर शुक्रवार सुबह से ही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (central bureau of investigation) ने मंत्री मनीष सिसोदिया समेत कई अफसरों के ठिकानों पर छापा मारा। बताया जा रहा है कि नई शराब नीति 2021-22 में गड़बड़ी में दर्जनभर अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है।
मनीष सिसोदिया पर लगा नियमों की अनदेखी का आरोप
नई शराब नीति को लेकर यह आरोप लगा है कि नई नीति से दिल्ली एक्साइज एक्ट और दिल्ली एक्साइज रूल्स का साफतौर पर उल्लंघन हुआ है। शराब बेचने वालों की लाइसेंस फीस माफ करने से दिल्ली सरकार को 144 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। यह भी आरोप हैकि आबकारी मंत्री के तौर पर मनीष सिसोदिया ने प्रावधानों की अनदेखी की।
यह भी आरोप है कि आबकारी नीति के खिलाफ जाकर शराब निर्माता कंपनियों को शराब बेचने के ठेके दिए गए, वहीं नियमानुसार शराब निर्माता और आपूर्ति कंपनी को शराब बेचने के ठेके नहीं दिए जा सकते हैं। बावजूद इसके ऐसा किया गया। हैरत की बात यह भी है कि एक शराब ठेकेदार को शराब दुकान नहीं मिलने के बाद 30 करोड़ रुपए लौटा दिए गए, जबकि नियम के मुताबिक ये राशि सरकार के खजाने में जाने चाहिए थे। इससे सरकारी खजाने को 30 करोड़ रुपये का सीधा नुकसान हुआ।