वहीं, 3 दिनों के दौरान उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो सकती हैं। मौसम विभाग की मानें तो राजधानी दिल्ली से मॉनसून की विदाई का वक्त पास आ गया है।
जोरदार बरसात के बाद मानसून की वापसी
मौसम विभाग ने सोमवार को कहा कि वर्षा के चार महीनों के आखिरी चरण में जोरदार बरसात के बाद मानसून की अगले दो दिनों में वापसी शुरू हो जाएगी। विभाग ने कहा कि उत्तर-पश्चिम के विभिन्न हिस्सों से मानसून की वापसी के लिए स्थितियां अनुकूल बन रही हैं। भारत के लिए मानसून की बरसात बेहद महत्वपूर्ण होती है क्योंकि देश की कृषि भूमि का काफी हिस्सा आज भी सिंचाई के लिए मानसून की वर्षा पर निर्भर है। मानसून की वापसी सामान्यत: सितंबर के मध्य में देश के पश्चिमी राज्य राजस्थान से प्रारंभ होती है।
इस साल 7 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई
मौसम विभाग के मुताबिक इस साल भारत में 7 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है, लेकिन उत्तर प्रदेश, बिहार सहित आठ राज्यों में कम बारिश हुई है, जिससे इस खरीफ सीजन में कृषि उत्पादन कम हो सकता है। इसके साथ ही झारखंड, दिल्ली, पंजाब, त्रिपुरा, मिजोरम और मणिपुर में भी कम वर्षा दर्ज की गई है। भारत में 1 जून से 19 सितंबर के बीच 872.7 मिमी बारिश हुई, जो इस अवधि के लिए 817.2 मिमी की सामान्य वर्षा से 7 प्रतिशत अधिक है। मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर पश्चिम भारत में निचले क्षोभमंडल स्तर पर चक्रवाती प्रवाह के कारण अगले पांच दिनों के दौरान पश्चिमी राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के आसपास के क्षेत्रों में मौसम शुष्क रहेगा।
30 सितंबर को पूरी तरह विदा हो जाएगा मानसून
मौसम विभाग के मुताबिक 21 सितंबर से पश्चिमी राजस्थान, दक्षिण हरियाणा और पंजाब से मानसून की विदाई शुरू हो जाएगी। इसकी सामान्य तारीख 17-18 सितंबर थी। 27- 28 सितंबर के आसपास यह दिल्ली एनसीआर से विदा ले लेगा। इसके साथ ही मानसून 30 सितंबर तक पूरे उत्तर भारत से विदा हो जाएगा। अभी हवा की दिशा उत्तरी- पूर्वी चल रही है जिसमें गर्माहट एवं नमी भी रहती है।