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कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं लड़ेंगे गहलोत, सोनिया से मुलाकात के बाद बोले- मैं पार्टी का वफादार सिपाही हूं


नई दिल्ली, । कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से गुरुवार को मुलाकात के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव में खड़ा होने से इंकार कर दिया। उन्होंने खुद को पार्टी का वफादार सिपाही बताया और कहा, ‘मैंने सोनिया गांधी से माफी मांग ली।’ खबर है कि सीनियर कांग्रेस नेता व राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट भी आज सोनिया गांधी से मिलने वाले हैं।

आज सुबह सोनिया गांधी से मिलने के  लिए अशोक गहलोत दस जनपथ पहुंचे। बता दें कि इस बात को लेकर पहले से ही अनुमान लगाया जा रहा था कि गहलोत और सोनिया गांधी के बीच प्रस्तावित बातचीत के बाद पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए दिग्विजय सिंह के नामांकन की तस्वीर साफ हो जाएगी। jagran

अध्यक्ष पद के लिए कतार में हैं दिग्विजय सिंह

बता दें कि सोनिया गांधी के कार्यकाल के दौरान लंबे समय तक पार्टी महासचिव रहे दिग्विजय सिंह की कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से भी न केवल अच्छे समीकरण रहे हैं बल्कि काफी निकटता भी है। इस बीच ऐसी चर्चा है कि वे सोनिया-गहलोत की मुलाकात के निष्कर्षों के बाद पर्चा दाखिल करेंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए पहले ही मैदान में उतरने का ऐलान कर चुके हैं और 30 सितंबर को अपना नामांकन दाखिल करेंगे।

 

गहलोत को विधायक दल की बैठक बुलाने का आदेश

कांग्रेस आलाकमान से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को संदेश दिया गया है कि विधायक दल की बैठक एक बार फिर बुलाई जाए। इसमें मुख्यमंत्री समेत सभी तरह के निर्णय लेने का अधिकार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंपा जाए। उधर, नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने मुख्यमंत्री से मिलने के बाद कहा कि सचिन पायलट के पास केवल 18 विधायक हैं। बहुमत गहलोत के साथ है, उन्हें 102 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। ऐसे में वह इस्तीफा नहीं देंगे ।

सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार राजस्थान में जारी संकट अगले दो दिनों में खत्म कर लिया जाएगा। गहलोत कैंप के विधायक सचिन पायलट के विरोध में हैं।