नई दिल्ली, । भारत चुनाव आयोग आज यानी 14 अक्टूबर 2022 को दिल्ली में 3 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा, जिसमें गुजरात और हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान किया जाएगा। दरअसल, नवंबर में चुनाव होने की संभावना जताई जा रही है। गुजरात विधानसभा के चुनाव (Gujarat Assembly Election) 2017 की तरह दो चरणों में हो सकते हैं। चुनावों के ऐलान के लिए दो तारीखों की चर्चा है। वहीं हिमाचल में सिर्फ एक चरण में चुनाव हो सकता है।
गुजरात में विधानसभा का कार्यकाल दिसंबर और हिमाचल प्रदेश में नवंबर में खत्म हो रहा है। दोनों ही राज्यों में इस समय भाजपा की सरकार है। 2017 के चुनाव में भाजपा ने गुजरात विधानसभा की 182 में से 99 सीटों पर जीत दर्ज की थी। कांग्रेस ने 77 सीटें हासिल की थीं।
चुनाव के बाद भाजपा ने विजय रूपाणी को मुख्यमंत्री बनाया गया था। हालांकि, सितंबर 2021 में रूपाणी की जगह भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बना दिया गया था। गुजरात में 2017 में 9 दिसंबर से 14 दिसंबर के बीच वोटिंग हुई थी। 18 दिसंबर को नतीजे आए थे। गुजरात विधानसभा में बहुमत के लिए 92 सीटें जरूरी है।
वहीं, हिमाचल विधानसभा की 68 सीटों के लिए 2017 में 9 नवंबर को वोटिंग हुई थी। भाजपा ने 68 में से 44 सीटों पर जीत दर्ज की थीष जबकि, कांग्रेस ने 21 सीटें हासिल की थी। जयराम ठाकुर को मुख्यमंत्री बनाया गया था।
गुजरात में 182 सीटों के लिए चुनाव
गुजरात में विधानसभा (Gujarat Assembly) की कुल 182 सीटें हैं। इनमें 40 सीटें आरक्षित हैं। 13 सीटें अनुसूचित जाति (SC) के लिए और 27 सीटें अनुसूचित जनजाति (ST)/आदिवासी समाज के लिए रिजर्व हैं। 2017 के चुनाव में भाजपा (BJP) को 99, कांग्रेस (Congress) को 77 सीटें मिलीं थी। दो सीटें भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP), एक सीट एनसीपी (NCP) को मिली थी, बाकी तीन सीटों में निर्दलीय जीते थे। गुजरात में लंबे समय से चुनावों में भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला हो रहा है, लेकिन इस बार विधानसभा चुनावों के लिए आम आदमी पार्टी (Aam aadmi Party) भी जी तोड़ मेहनत कर ही है।
हिमाचल में 68 सीटों पर होगा चुनाव
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 में राज्य की 68 विधानसभा सीटों पर चुनाव हुए। वर्तमान में राज्य में कुल 68 विधानसभा क्षेत्र हैं और सरकार बनाने के लिए 35 सीटें जीतने की दरकार होती है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 में राज्य की 17 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। वहीं 3 विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। राज्य में 48 विधानसभा सीटों पर सामान्य वर्ग से कोई भी चुनाव लड़ सकता है।