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केंद्र्रको सुप्रीम कोर्टकी फटकार


भड़काने वाले न्यूज प्रोग्राम पर रोक क्यों नहीं लगाते
नयी दिल्ली (आससे)। उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि उसने टेलीविजन पर उकसाने वाली खबरों और कार्यक्रमों को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि असलियत ये है कि कई कार्यक्रमों के कारण उकसाने वाली हरकत होती है और बतौर सरकार आप कुछ नहीं करते हैं। कोविड-19 के दौरान तबलीगी जमात के बारे में की गई मीडिया रिपोर्टिंग के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस एसए बोबडे आज यह टिप्पणी की। उन्होंने गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसानों द्वारा तीनों कृषि कानूनों के विरोध के दौरान हुई हिंसा के बाद इंटरनेट सेवा को बंद किये जाने के मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि निष्पक्ष और ईमानदारी पूर्ण रिपोर्टिंग करने की जरूरत है। अदालत ने कहा कि समस्या तब पैदा होती है जब इसका इस्तेमाल उकसाने के लिये होता है। शीर्ष अदालत ने कहा कि असलियत ये है कि कई कार्यक्रमों के कारण उकसाने वाली हरकत होती है और बतौर सरकार आप कुछ नहीं करते हैं। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि कई कार्यक्रम ऐसे हैं जो उकसाते हैं और एक समुदाय विशेष पर प्रभाव डालते हैं। लेकिन बतौर सरकार आप कुछ नहीं कर रहे हैं। 26 जनवरी को आपने इंटरनेट और मोबाइल शटडाउन किया, क्योंकि किसान दिल्ली आ रहे थे। आपने इंटरनेट बंद कर दिया। इस तरह की समस्या कहीं भी उत्पन्न हो सकती है। निष्पक्ष और ईमानदारी पूर्ण रिपोर्टिंग से समस्या नहीं है। समस्या तब उत्पन्न होती है जब उकसावे वाली बात होती है। ये उसी तरह से महत्वपूर्ण है जिस तरह से पुलिस वालों के हाथ में लाठी होती है। ये कानून व्यवस्था को बरकरार रखने के लिए एहतियाती कदम है। जस्टिस बोबडे ने कहा कि हमारी चिंता टीवी प्रोग्राम के कारण उकसावे वाले असर से है। उपचारात्मक कदम के तौर पर कुछ खबरों पर नियंत्रण जरूरी है और आपको कानून व्यवस्था की स्थिति देखनी है। हमें नहीं पता कि आपने आखें बंद क्यों की हुई है। हम आपको कहना चाहते हैं कि आप कुछ नहीं कर रहे हैं। लोग कुछ भी कह सकते हैं, लेकिन हम प्रसारण की बात कर रहे हैं, जो उकसा सकते हैं और इससे दंगे भड़क सकते हैं।