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सीजेआइ ललित के आठ नवंबर को सेवानिवृत होते ही सुप्रीम कोर्ट में सात पद होंगे खाली


 नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में अभी न्यायाधीशों के छह पद खाली हैं और आठ नवंबर को प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित के सेवानिवृत होते ही सुप्रीम कोर्ट में कुल सात रिक्तियां हो जाएंगी। इतना ही नहीं अगर सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों के पद जल्दी नहीं भरे जाएंगे को अगले छह महीने में न्यायाधीशों के सेवानिवृत होने से तीन पद और रिक्त हो जाएंगे जिससे रिक्तियों की कुल संख्या बढ़कर दस हो जाएगी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम बांबे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस दिपांकर दत्ता को सुप्रीम कोर्ट प्रोन्नत करने की सिफारिश सरकार को भेज चुकी है।

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जल्द नहीं भरे गए जजों के खाली पद तो अगले छह महीने में तीन पद और हो जाएंगे रिक्त

सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश को मिला कर न्यायाधीशों के कुल मंजूर पद 34 हैं। इस समय सुप्रीम कोर्ट में 28 न्यायाधीश काम कर रहे हैं और छह पद खाली हैं। आठ नवंबर को सीजेआइ यूयू ललित सेवानिवृत हो रहे हैं। जस्टिस ललित की सेवानिवृत्ति के बाद खाली पदों की संख्या बढ़कर सात हो जाएगी। जस्टिस ललित के बाद चार जनवरी को जस्टिस एस. अब्दुल नजीर सेवानिवृत होंगे। फिर मई में दो और न्यायाधीश जस्टिस दिनेश महेश्वरी 14 मई और जस्टिस एमआर शाह 15 मई को सेवानिवृत होंगे।

बांबे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त करने की सिफारिश पहले ही हुई

उसके अगले माह जून में तीन न्यायाधीश जस्टिस केएम जोसेफ 16 जून, जस्टिस अजय रस्तोगी 17 जून और जस्टिस वी.राम सुब्रह्मण्यम 29 जून को सेवानिवृत हो जाएंगे। फिर आठ जुलाई को जस्टिस कृष्ण मुरारी सेवानिवृत होंगे। तब तक अगर नए न्यायाधीश नियुक्त नहीं हुए तो सुप्रीम कोर्ट में रिक्तियां बढ़कर 14 हो जाएंगी। हालांकि इस बीच नए न्यायाधीशों के आने की पूरी संभावना है। सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने 26 सितंबर को हुई बैठक में बांबे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस दिपांकर दत्ता को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश सरकार को भेज दी है।

कुछ और न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया बीच में अटकी

इसके अलावा सीजेआइ यूयू ललित ने सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों के रिक्त पदों को देखते हुए कुछ और न्यायाधीशों की जल्दी नियुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू की थी, लेकिन प्रयास बीच में ही अटक गया। 26 सितंबर को कोलेजियम बैठक में जस्टिस दिपंकर दत्ता को सुप्रीम कोर्ट प्रोन्नत करने की सहमति के बाद कुछ और नामों पर चर्चा के लिए कोलेजियम की बैठक 30 सितंबर को 4.30 बजे तक के लिए टाल दी गई थी, लेकिन 30 सितंबर को कोलेजियम की बैठक नहीं हो पाई क्योंकि कोलेजियम के सदस्य जस्टिस डीवाइ चंद्रचूड़ बैठक में उपलब्ध नहीं थे। उस दिन उनकी अदालत देर शाम तक चलती रही।

न्यायाधीशों की नियुक्ति में अपनाई गई सर्कुलर प्रक्रिया पर आपत्ति

इसके चलते सीजेआइ यूयू ललित ने 30 सितंबर को ही सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति का प्रस्ताव सर्कुलर के जरिये कोलेजियम के न्यायाधीशों को उनकी राय के लिए भेजा। कोलेजियम के सदस्य जस्टिस संजय किशन कौल ने एक अक्टूबर और जस्टिस केएम जोसेफ ने सात अक्टूबर को सीजेआइ को अपनी मंजूरी वाले पत्र भेज दिए, लेकिन जस्टिस डीवाइ चंद्रचूड़ और जस्टिस एस. अब्दुल नजीर ने न्यायाधीशों की नियुक्ति में अपनाई गई सर्कुलर प्रक्रिया पर आपत्ति उठाई।

 

9 नवंबर के बाद ही कोलेजियम की बैठक होने और प्रक्रिया के आगे बढ़ने की उम्मीद

इसके कुछ दिन बाद ही कानून मंत्री का पत्र सीजेआइ ललित को प्राप्त हुआ, जिसमें उनसे उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश करने का अनुरोध था। इस तरह सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया फिलहाल के लिए टल गई है। अब जस्टिस डीवाइ चंद्रचूड़ के चीफ जस्टिस नियुक्त होने के बाद यानी 9 नवंबर के बाद ही कोलेजियम की बैठक होने और प्रक्रिया के आगे बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि, कोलेजियम में भी बदलाव हो जाएगा और जस्टिस ललित के सेवानिवृत होने के बाद पांच सदस्यीय कोलेजियम में जस्टिस एमआर शाह शामिल हो जाएंगे।