नई दिल्ली, । फिल्म द कश्मीर फाइल्स पर IFFI के जूरी हेड नदव लैपिड का दिया बयान सुर्खियों में है। IFFI के जूरी हेड नदाव लपिड ने समारोह के समापन पर ‘द कश्मीर फाइल्स’ को वल्गर और प्रोपेगेंडा फिल्म बताया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि यह फिल्म परेशान कर देने वाली है। IFFI के जूरी हेड के इस बयान पर हर तरफ से रिएक्शन आ रहे हैं । एक्टर अनुपम खेर और फिल्ममेकर अशोक पंडित ने भी कड़ा विरोध जताया है।
कश्मीर फाइल्स 2.0 भी बनाओ – संजय राउत
वहीं अब आईएफएफआई जूरी हेड की टिप्पणी पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, यह #KashmirFiles के बारे में सच है। एक दल द्वारा दूसरे दल के विरुद्ध दुष्प्रचार किया जा रहा था। एक पार्टी और सरकार प्रचार में व्यस्त थी। लेकिन इस फिल्म के बाद कश्मीर में सबसे ज्यादा हत्याएं हुईं। कश्मीरी पंडित और सुरक्षाकर्मी मारे गए।
उन्होंने आगे कहा, तब कहां थे ये कश्मीर फाइल्स वाले? कश्मीरी पंडितों के बच्चे भी आंदोलन कर रहे थे, तब कहाँ थे? तब कोई आगे नहीं आया, न ही कश्मीर फाइल्स 2.0 की कोई योजना थी – उसे भी बनाओ।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व उप मुख्यमंत्री के गुप्ता ने भी इस जूरी हेड की टिप्पणी पर कहा, इस तरह की टिप्पणियों को भारत को बदनाम करने के लिए प्रचारित किया जाता है। फिल्म कश्मीर फाइल्स में जो दिखाया गया था, उससे कहीं ज्यादा कश्मीरी पंडितों के साथ हुआ। कुछ एजेंसियां इस्लामी आंदोलन के जरिए भारत को बदनाम करने की कोशिश कर रही हैं।
भाजपा के अमित मालवीय ने फिल्म की निंदा की तुलना हिटलर के शासन की
वहीं भाजपा के अमित मालवीय ने मंगलवार को इजरायली फिल्मकार नदव लापिड की ‘द कश्मीर फाइल्स’ की निंदा की तुलना हिटलर के शासन में लाखों यहूदियों की हत्या, होलोकॉस्ट के खंडन से की।
पार्टी के आईटी विभाग के प्रमुख ने कहा, ‘सबसे लंबे समय तक, लोगों ने प्रलय को भी नकार दिया और शिंडलर की सूची को एक प्रचार बताया, जैसे कुछ लोग कश्मीर फाइलों के साथ कर रहे हैं। सत्य अंततः जीतता है, चाहे कुछ भी हो।’ उन्होंने कहा कि इजरायल के राजदूत ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ की लैपिड की आलोचना का जवाब दिया है, एक फिल्म जो घाटी में उग्रवाद के बाद कश्मीरी पंडितों पर भड़की हिंसा और कष्टों को उजागर करती है।