गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को कहा कि भविष्य में परिसीमन के लिए जनसंख्या के अलावा अन्य मानदंडों पर भी विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हाल ही के कानून के मुताबिक, जनसंख्या ही परिसीमन का एकमात्र आधार है। कुछ समुदायों ने जनसंख्या नियंत्रण का पालन नहीं किया है, जबकि अन्य ने इसका पालन किया है। उन्होंने आगे कहा कि जिन लोगों ने जनसंख्या नियंत्रण नीति का पालन नहीं किया है उन्हें पुरस्कृत किया जा रहा है और इसका पालन करने वालों को दंडित किया जा रहा है।
संसद में होनी चाहिए बहस
मालूम हो कि असम में अन्य राज्यों की तरह ही 2001 की जनगणना के आधार पर संसदीय और विधानसभा सीटों के लिए परिसीमन होनी है। उन्होंने कहा कि परिसीमन के लिए जनसंख्या के अलावा अन्य मानदंडों को लाने के लिए संसद में बहस की जानी चहिए। सरमा ने कहा कि मुझे यकीन है कि अगले परिसीमन में संसद इस बात पर बहस करेगी कि क्या जनसंख्या नियंत्रण नीति का पालन करने वाले लोगों को दंडित या पुरस्कृत किया जाना चाहिए।
सिर्फ जनसंख्या नहीं होना चाहिए मानदंड
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी राय में परिसीमन के लिए जनसंख्या ही एकमात्र मानदंड नहीं होना चाहिए और इसके लिए अन्य कारकों कपर भी विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आगे होने वाले परिसीमन के लिए संसद द्वारा बनाए गए कानून के अनुसार ही होना चाहिए। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि इसके लिए किसी मानदंड का पालन किया जाना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि राज्य में एनआरसी की के दौरान यह देखा गया कि असम में जनसांख्यिकीय परिवर्तन हुआ है। हालांकि उन्होंने कहा कि इसकी सीमा साल 2021 की जनगणना के रिकॉर्ड उपलब्ध होने के बाद ही पता चल पाएगी।