अलीगढ। लोधा के गांव नादाबाजीदपुर में महिला ने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में कर पोस्टमार्डम के लिए भेजा।
नादा बाजीदपुर निवासी राधा (35) के पति सुनील की दो साल पहले बीमारी के चलते मौत हो गई। महिला अपने बच्चे कर्तव (11), काव्यान (8) और मनु (6) का पालन पोषण करने के लिए फैक्ट्री मेें काम करती थी। राधा की सास भी उसी के साथ रहती थी और बच्चे की देखभाल भी करती थी। विमला का कहना था कि फैक्ट्री में काम करने के बाद भी घर का खर्च मुश्किल से चल पता था। फैक्ट्री से काम भी बंद हो गया, जिसके बाद आर्थिक संकट पैदा हो गया। सोमवार रात खाने देने के बाद तीनों बच्चों के साथ कमरे में सो गई। मंगलवार सुबह जब बच्चे जागे तो मां का शव जंगले के सहारे पड़ा देखा। बच्चे कुछ समझे नहीं पाए और दरवाजा खोलकर बाहर निकल आए और उन्होंने दादी और बुआ को इसकी जानकारी दी। आनन-फानन में वह कमरे में पहुंची तो राधा के गले में फंदा देख उनकी चीख निकल गई। चीत्कार सुनकर आस-पास के लोगों की भीड एकत्र हो गई। इस बीच मौके पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में करते हुए पोस्टमार्टम को भेजा।
राधा की ननद सीमा ने बताया कि वह भी इसी गांव में रहती है। भाभी राधा की शादी 12 साल की आयु में हुई थी। भाभी के लिए खाना बनाना, कपड़े धोना और पहनाना आदि सारे काम वह करती थी। समझदार होने के बाद भाभी जिम्मेदारी समझी और परिवार को चलाने लगी। वृद्धा और लाचार बेबस सास विमला बच्चों की ओर देख देखकर फबक-फबक कर रोते हएु अपने बुढापे की लाचारी में भुखमरी के चलते गरीबी और लाचारी को कोसती रही।
पति से विवाद के बाद खैर में महिला ने लगाई फांसी
अलीगढ। इंस्पेक्टर प्रवेश कुमार ने बताया कि गांव बरका निवासी विमलेश (35) पत्नी सत्यवीर सिंह का मंगलवार सुबह पति से किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। जिसके चलते महिला ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना की जानकारी मिलते ही वह मय फोर्स के घटना स्थल पर पहुंच गए और शव कब्जे में करते हुए पोस्टमार्टम को भेजा। उन्होंने कहा कि किसी भी पक्ष की ओर से कोई तहरीर नहीं आई है। इसके बाद भी मामले की जांच की जा रही है।