Latest News अलीगढ़ उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय लखनऊ

राजौरी मुठभेड़ में बलिदान हुआ अलीगढ़ का लाल, आठ दिसंबर को होनी थी शादी; सीएम योगी ने दी श्रद्धांजलि


 जट्टारी। जम्मू कश्मीर के राजौरी में सुरक्षाबलों की आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में अलीगढ़ के टप्पल क्षेत्र के नगलिया गौरोला निवासी सचिन लौर बलिदान हो गए। आठ दिसंबर को सचिन की शादी थी। घर में तैयारी चल रही थीं।

एक दिसंबर को सचिन छुट्टी लेकर घर आने वाले थे। गुरुवार सुबह सात बजे ही सचिन ने अपने बड़े भाई विवेक को वाट्सएप पर मैसेज किया था कि सबकुछ ठीक है। आपरेशन चल रहा है। फ्री होकर बात करूंगा। लेकिन, इसके कुछ घंटों बाद ही यह दुखद खबर आई । पूरे गांव में कोहराम मचा हुआ है।

गांव नगलिया गौरोला के रहने वाले सचिन लौर 20 मार्च 2019 को सेना में भर्ती हुए थे। तभी से जम्मू कश्मीर में ही तैनात थे। वर्ष 2021 में वह स्पेशल फोर्स में कमांडो बने। इस दौरान करीब एक माह के लिए देहरादून भेजे गए थे। वर्तमान में राजौरी के पैरा टू रेजीमेंट में थे। बड़े भाई विवेक लौर नेवी में हैं। कोच्चि में तैनाती है।

सचिन की मथुरा के मांट क्षेत्र के गांव जेसे जावरा निवासी मोरमुकुट की बेटी से शादी तय हुई थी। आठ दिसंबर को शादी होनी थी। बड़े भाई विवेक छुट्टी लेकर गांव पहुंच गए। उन्होंने बताया कि शादी के कार्ड बंट चुके थे। पूरी तैयारी थी।

सचिन रोज सुबह-शाम मुझसे व पिता से फोन पर बात करते थे। बुधवार रात को सचिन ने फोन पर बात की थी। बताया था कि आपरेशन चल रहा है। हमने दो आतंकवादियों को मार दिया है। गुरुवार सुबह करीब सात बजे भी सचिन ने वाट्सएप पर मैसेज करके उन्हें वह आपरेशन में है। इसके बाद बात नहीं हुई। करीब 10 बजे एक परिचित ने फोन करके बताया कि सचिन का नंबर नहीं लग रहा।

कुछ देर बाद वहां के अधिकारियों ने सचिन के बलिदान की जानकारी दी। शुक्रवार शाम तक आएगा पार्थिक शरीर सचिन के पिता रमेश चंद किसान हैं। एक बहन सावित्री हैं, जिनकी रायपुर के खुजलागढ़ी में शादी हुई है। बहनोई सतीश सिंह किसान हैं। घटना की जानकारी मिलने ही ग्रामीण सचिन के घर पहुंचे। यहां पिता रमेश व मां भगवती देवी खुद को संभाल नहीं पा रहे थे।

भाजपा के जिलाध्यक्ष कृष्णपाल सिंह भी इसी गांव के हैं। सचिन उन्हीं के परिवार से हैं। रिश्ते में भतीजे लगते हैं। सचिन का पार्थिक शरीर शुक्रवार तक पहुंचने की बात कही जा रही है। बचपन से था कमांडो बनने का जुनून, ताऊ भी हुए बलिदान विवेक के अनुसार सचिन जब छठी कक्षा में थे, तभी से उनके अंदर कमांडो बनने का जुनून था।

वह स्कूल में इसी तरह की गतिविधि में हिस्सा लेते थे। सचिन के ताऊ मांगेराम भी सेना में थे, जो बलिदान हुए थे। तहेरे भाई प्रेमपाल सिंह सेना से सेवानिवृत्त हैं।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने अलीगढ़ के लाल को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने एक्स कर कहा – “राष्ट्र की सेवा में शहीद हुए जनपद अलीगढ़ निवासी पैरा कमांडो श्री सचिन लौर जी को विनम्र श्रद्धांजलि!”