बेंगलुरु, । भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने भारत के पहले सोलर मिशन आदित्य-एल1 (Aditya-L1 Mission) को लेकर नया अपडेट दिया है। इसरो ने बताया है कि आदित्य-एल1 ने वैज्ञानिक डेटा को एकत्र करने का काम शुरू कर दिया है।
आदित्य-एल1 ने शुरू किया अपना काम
इसरो ने ‘एक्स’ पर किए अपने एक पोस्ट में बताया कि आदित्य-एल1 (Aditya-L1) में लगे STEPS उपकरण के सेंसर ने पृथ्वी से 50 हजार किमी से अधिक दूरी पर सुपर-थर्मल और ऊर्जावान आयनों और इलेक्ट्रॉनों को मापना शुरू कर दिया है।
यह भी पढ़ें: चंद्रयान-3, आदित्य एल1… अब नए मिशन की तैयारी में जुटा ISRO, पढ़ें क्या है मिशन XPoSat
डाटा से वैज्ञानिकों को मिलेगी मदद
इसरो के मुताबिक, आदित्य-एल1 जिन डेटा को एकत्र करेगा, उससे वैज्ञानिकों को पृथ्वी के आसपास के कणों के व्यवहार का विश्लेषण करने में मदद मिलेगी। यह आंकड़ा किसी एक इकाई द्वारा एकत्र किए गए ऊर्जावान कण वातावरण में भिन्नता को प्रदर्शित करता है।
आदित्य-एल1 ने अब तक कितनी बार कक्षा बदली?
आदित्य-एल 1 ने अब तक चार बार (तीन सितंबर, पांच सितंबर, 10 सितंबर और 15 सितंबर को) कक्षा बदली है। अब पांचवीं बार यह 19 सितंबर को अपनी कक्षा बदलेगा। इसरो के मुताबिक, आदित्य एल1 की नई कक्षा 256 किमी x 121973 किमी है। यानी अब यह जिस कक्षा में है, उससे पृथ्वी की न्यूनतम दूरी 256 किमी और अधिकतम दूरी 121973 किमी है।
आदित्य एल-1 को कब लॉन्च किया गया?
आदित्य एल-1 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से दो अगस्त को सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर लॉन्च किया गया। यह भारत का पहला सूर्य मिशन है। इससे सूर्य के रहस्यों को समझने में वैज्ञानिकों को मदद मिलेगी।