पटना (आससे)। आठ साल बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार और रालोसपा के मुखिया उपेंद्र कुशवाहा फिर से एक हो रहे हैं। खबरों के मुताबिक 14 मार्च को रालोसपा का जनता दल (यू) में विलय हो जायेगा। लव-कुश समीकरण के लिहाज से इस जोड़ी का मतलब है कोयरी-कुशवाहा और कुर्मी वोटरों का एक हो जाना। कोयरी-कुर्मी वोट बैंक लगभग 13 प्रतिशत का है और नीतीश कुमार की राजनीति कुर्मी चेतना रैली से ही शुरू हुई थी।
विलय से पहले उपेंद्र कुशवाहा ने बातचीत में संकेत दिया कि विलय तय है। उन्होंने कहा, 13 और 14 मार्च को पटना में हमारी पार्टी की बैठक है। एजेंडे में नीतीश कुमार के साथ राजनीति बढ़ाना शामिल नहीं है लेकिन पार्टी में ऐसी मांग है तो उन बातों को भी सुनेंगे और 14 को ही अंतिम फैसला करेंगे।