सिद्धार्थनगर डुमरियागंज तहसील क्षेत्र बनगाई नानकार, गांव के पश्चिम में सहायक बांध की जमीन आरक्षित है जिसका गाटा संख्या 152 और क्षेत्र फल 1. 95हेक्टेयर है। इसमें एक किलोमीटर बंधी का कार्य मनरेगा के अंतर्गत 380 हजार रुपए के लगभग में कराया गया था जो स्थानीय बलूई मिट्टी होने के कारण बरसात में धीरे-धीरे बह गया है जिस ऊंचाई लगभग एक फिट ही बचा है।राप्ती नदी और बांध के बीच की दूरी बहुत कम बची है। राप्ती नदी बनगाई नानकार गांव के दक्षिण पश्चिमोत्तर मे मैं कटान कर रही है जिसका मुख्य कारण गांव के पश्चिम अमवा गांव में लगे पत्थर के ठोकर से पानी टकराकर बनगाई गांव के दक्षिण पश्चिम तरफ कटान करके गांव के अस्तित्व पर संकट खड़ा कर दिया है काटन को देखते हुए मनरेगा के अंतर्गत राप्ती नदी पर 9 ठोकर बनाये गये थे जिसमें से 7 ठोकर बह गये है । निर्माण कार्य में धांधली हुई थी। काटन को रोकने के लिए सीमेंट की बोरियों में बालू भरकर नदी के किनारे लगाया गया था तथा ऊपर से ईट के टुकड़े रखवा दिए गए थे नदी पर बने हुए ठोकर बह गये दो बचें है वह भी तेज बहाव में बह सकते है । नदी गांव की तरफ कटान करने लगी है । इस संबंध में रविन्द्र चौधरी,उमाकांत,कृष्णा, हरिराम, बीरेंद्र, गोविन्द,हरिप्रसाद, दीप चौधरी,राम पियारे, बाबूलाल आदि ने बताया कि हर साल कटान हो रहा है कृषि भूमि गांव के पशि्चम से खत्म हो गया कभी भी आबादी के लिए खतरा बना है। यहां पर 10 अगस्त एडीएम गौरव श्रीवास्तव और तहसीलदार रविकुमार व लेखपाल कैलाश तिवारी भी कटान का दौरा कर चुके हैं।
इ