केरल में बीजेपी के सामने एक अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई जब एक शख्स ने उम्मीदवार के तौर पर अपना नाम घोषित होने के बाद इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया.
मणिकंदन का बतौर उम्मीदवार ना बनना बीजेपी के लिए बेहद हैरान करने वाली स्थिति बन गई. मणिकंदन पानिया के रहने वाले हैं और उन्होंने खुद उम्मीदवार की घोषणा होने के बाद सोशल मीडिया पर एक मैसेज दिया कि ‘उन्हें चुनाव लड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं है और उनके लिए पार्टी की राजनीति में प्रवेश करना मुश्किल है’. उनके इस तरह के बयान के बाद से हर जगह बीजेपी की किरकिरी हो रही है. वहीं एक इंटरव्यू में मणिकंदन ने बताया है कि कुछ बीजेपी नेताओं ने उम्मीदवारी के संबंध में उनसे फोन पर संपर्क किया था, लेकिन उन्होंने इस पर अपनी पूर्ण सहमति नहीं दी थी.
मणिकंदन का बयान
मणिकंदन का कहना है कि वो टीवी पर उम्मीदवार के रूप में अपने नाम की घोषणा सुनकर हैरान रह गये थे. साथ ही उन्होंने बताया कि रविवार दोपहर को ई श्रीधरन समेत कई अन्य हस्तियों के साथ उनका नाम भी स्क्रीन पर स्क्रॉल कर रहा था जिसको देख वो हैरान थे क्योंकि उनको इसकी कोई उम्मीद नहीं थी.
मणिकंदन को नहीं पसंद राजनीति
मणिकंदन ने बताया कि कुछ दिन पहले बीजेपी नेताओं ने उनसे फोन पर बातचीत की थी लेकिन उन्होंने अपना रुख स्पष्ट कर दिया था कि वो पार्टी की राजनीति में दिलचस्पी नहीं रखते हैं, और ना वो बीजेपी के समर्थक हैं. मणिकंदन ने आगे कहा कि ये गर्व की बात है कि पार्टी ने पनिया के एक व्यक्ति को उम्मीदवार चुना था. क्योंकि पनिया सबसे बड़े आदिवासी समुदायों में से एक है. आपको बतादें कि मणिकंदन केरल के पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में एक शिक्षण सहायक के रूप में काम करते हैं.