पटना

लापरवाही: पीएमसीएच ने जिंदा आदमी को बना दिया मुर्दा, दूसरे का सौंप दिया शव


अंतिम संस्कार के समय बांस घाट पर मचा बवाल

पटना। बिहार के सबसे बड़े अस्पताल में घोर लापरवाही सामने आ रही है। सूत्रों से मिल रही खबर के अनुसार, पीएमसीएच में पीड़ित परिवार को दूसरे का शव सौंप दिया। बवाल तब मचा, जब पीड़ित परिवार शव लेकर पटना के बांस घाट पहुंच गया। वहां शव के चेहरे से जब कपड़ा हटाया गया तो बवाल मच गया। शव पीड़ित परिवार का नहीं था। इसके बाद तो वहां पर हंगामा मच गया। श्मसान घाट से शव को फिर से पीएमसीएच भेजा गया है। खास बात कि पीड़ित परिवार को डेथ सर्टिफिकेट भी दे दिया गया है।

दरअसल, पूरा मामला पटना के बाढ़ से जुड़ा हुआ है। बाढ़ निवासी चुन्नू कुमार को शुकव्रार को ब्रेन हैमरेज हुआ था। तब उन्हें पीएमसीएच में एडमिट किया गया था। आज रविवार को चुन्नू की पत्नी कविता को पीएमसीएच की ओर से बताया गया कि आपके मरीज की तबीयत बहुत खराब है। इतना ही नहीं, फिर एक घंटे बाद उनकी मौत हो गई। पीएमसीएच ने कागजी कार्रवाई कर पीड़ित परिवार को डेडबॉडी दे दी। यह भी बताया गया कि कोरोना से मौत हुई है।

कोरोना के नाम पर पीड़ित परिवार को डेडबॉडी का चेहरा नहीं दिखाया गया। लेकिन आज जब डेडबॉडी के अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही थी, तब पत्नी गिड़गिड़ाने लगी कि उनके पति का चेहरा दिखाया जाए। एक बार वे अपने दिवंगत पति का चेहरा देखना चाहती है। इस पर उनसे पैसा मांगा गया। इसके बाद जब चेहरा दिखाया गया तो हर कोई सन्न रह गया। चुन्नू की पत्नी कविता के अनुसार चिता पर चेहरा दिखाने के लिए बॉडी को खोला गया। लेकिन यह क्या, बॉडी उनके पति की नहीं थी। न चेहरा उनका था, न कपड़े, न कदकाठी। तब हमलोगों ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया।

पीड़ित परिवार पीएमसीएच आ गया। हंगामा हुआ तो बांस घाट से डेडबॉडी को वापस मंगाया गया। खास बात कि बाढ़ का पीड़ित चुन्नू कुमार अभी जिंदा हैं। इससे कविता देवी समेत घर के लोग काफी खुश हैं। लेकिन दुर्भाग्य है कि चुन्नू को पीएमसीएच में बेड दिलवाने के लिए भी कविता देवी को 200 रुपये देने पड़े थे। उधर, पीएमसीएच अधीक्षक आइएस ठाकुर ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।