वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार विकास मिशन के शासी निकाय की बैठक में नीतीश ने दिये कई निर्देश
(आज समाचार सेवा)
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्देश दिया है कि सभी विभाग निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए मिशन मोड में काम करें। हम लक्ष्य को किस हद तक प्राप्त कर पाये हैं, बचे हुए कार्य को क्रियान्वित करने में विभाग को कौन सी समस्या आ रही है, इन सब पर नियमित समीक्षा करें। ताकि काम समय पर पूरा हो। मुख्यमंत्री ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार विकास मिशन के शासी निकाय की बैठक की और कई निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि रोडमैप बनाने के पहले किसानों के साथ बैठक होती है। उनका फीडबैक लिया जाता है। विशेषज्ञों के साथ मीटिंग होती है। सभी बिन्दुओं पर चर्चा के बाद ही कृषि रोडमैप बनाया गया है। तीन कृषि रोडमैप अब तक बनाये गये हैं। इससे फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्घि हुई है। तीसरे कृषि रोडमैप के बचे हुए कार्यकाल में इस बात की समीक्षा करें कि हम अपने लक्ष्य को कितना प्राप्त कर पाये हैं और बचे हुए कार्यों को तेजी से पूरा करें।
उन्होंने कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन के लिए पटना में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया था, जिसमें देश-विदेश के कई विशेषज्ञ शामिल हुए थे। सम्मेलन में फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें सामने आयी थीं, जिसके आधार पर काम किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुग्ध प्रसंस्करण की क्षमता को और बढ़ायें। महिला दुग्ध सहकारी समितियों की संख्या बढ़ाने को लेकर जो निर्णय लिये गये हैं उस पर तेजी से काम करें। कृत्रिम गर्भाधान के अंतर्गत राज्य की जलवायु के अनुकूल गाय के नस्लों को बढ़ावा देने के लिए काम करें। देशी गाय की नस्लों को बढ़ावा देना भी हमलोगों का उदेश्य है। गौशालाओं के विकास को लेकर काम करें।
राज्य में मछली उत्पादन और बढ़ाने के लिए भी काम करें। सीवान में चौर क्षेत्रों को विकसित करने को लेकर बेहतर कार्य किये जा रहे हैं। राज्य के चौर क्षेत्रों के विकास होने से कृषि क्षेत्र के कई अवयवों का उत्पादन बढ़ेगा और इसका लाभ किसानों को मिलेगा। इसको लेकर किसानों को प्रेरित करें। हमें हर थाली में एक बिहारी व्यंजन के सपने को पूरा करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की ज्यादातर अपराधिक घटनाओं की मुख्य वजह जमीन के झगड़़े एवं संपत्ति का विवाद होते हैं। भूमि विवादों को सुलझाने के लिए जो नये सर्वेक्षण कार्य कराये जा रहे हैं उसको प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण करें। उन्होंने कहा कि जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के दौरान ज्यादातर मामले भूमि विवाद से संबंधित आते थे।
उन्होंने कहा कि लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून बनाया गया है। इससे लोगों की शिकायतों का त्वरित समाधान हो रहा है। जमीन से संबंधित विवाद खत्म होने से समाज में झगड़ें काफी कम हो जायेंगे। विवाद घटेगा तभी समाज आगे बढ़ेगा। राज्य में विकास के कई कार्य किये गये हैं, लोगों को विकास का सही लाभ तभी मिलेगा जब समाज में शांति रहेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली बैठकों के साथ-साथ इस बैठक में जिन बिंदुओं पर चर्चा की गयी है उसकी समीक्षा कर उसे मिशन मोड में कार्यान्वित करें। हम लक्ष्य को किस हद तक प्राप्त कर पाये हैं, जो बचे हुए कार्य हैं उसे कैसे पूर्ण करें, इसको क्रियान्वित करने में विभाग को कौन सी समस्या आ रही है, इन सब पर नियमित समीक्षा करें।
मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद में आयोजित बैठक में कृषि सह पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के सचिव एन. सरवन कुमार, सहकारिता विभाग की सचिव बंदना प्रेयसी, जल संसाधन सह ऊर्जा विभाग के सचिव संजीव हंस, लघु जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव रवि मनु भाई परमार, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह तथा खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव विनय कुमार ने अपने-अपने विभाग के अन्तर्गत चलायी जा रही योजनाओं की प्रगति से संबंधित जानकारी दी।
प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया गया कि सुशासन के कार्यक्रम के तहत लक्ष्य पर तेजी से काम किया जा रहा है। विभिन्न विभागों ने लक्ष्यों एवं प्रगति सहित अन्य बिंदुओं पर विस्तृत जानकारी दी। बैठक में पिछले शासी निकाय की बैठक की कार्यवाही के अनुपालन की भी समीक्षा की गयी।
बैठक में उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, उपमुख्यमंत्री रेणु देवी, कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी, मुख्यमंत्री के परामर्शी अंजनी कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, अपर मुख्य सचिव मंत्रिमंडल सचिवालय सह सदस्य सचिव बिहार विकास मिशन संजय कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मिशन निदेशक बिहार विकास मिशन विनय कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य मंत्रिमंडल के मंत्रीगण सहित संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव एवं अन्य वरीय पदाधिकारी जुड़े हुये थे।