वाराणसी

बजटमें पूर्वांचलके उद्योग, पर्यटनको मिले पैकेज-आरके चौधरी


इंडियन इंडस्ट्री असोसिएशन की बैठक सोमवार को हुई। इसमें काशी के उद्यमियों ने सोमवार को आम बजट से पहले केंद्र सरकार से यहां के उद्योगों को बढ़ावा देने, कर व्यवस्था सुदृढ़ करने, पूर्वांचल को विशेष पैकेज देने सहित कई बिंदुओं पर विमर्श किया। ऑनलाइन चर्चा के दौरान प्रमुख उद्यमी आरके चौधरी ने कहा कि वाराणसी के सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विगत कुछ वर्षों में उद्यमियों, व्यापारियों के हित में कई कार्य किये गये। कर की व्यवस्था को सुधारा गया और व्यापार भी सुगम हुआ। इसके परिणाम भी परिलक्षित हुए और उद्योगों का विस्तार हुआ। लेकिन कोरोना महामारी ने उद्यमियों ेको संकट में ला दिया। हालांकि केंद्र सरकार ने बीते आठ माह के दौरान उद्यमियों को हो रही परेशानियों का निराकरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी टीम ने जिस युद्ध स्तर पर किया, उसी का परिणाम है कि उद्योग आईसीयू जैसी स्थिति से बाहर आ पाये। कहा कि अब सरकार से आम बजट में उम्मीद है कि वाराणसी सहित पूर्वांचल के उद्यमियों को यहां के उद्योग, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये विशेष प्रावधान किये जायं। इससे यहां के विकास को गति मिलेगी। उद्यमियों की ओर से प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को संबोधित एक पत्र भेजा गया। ऑनलाइन विमर्श के दौरान राष्टï्रीय सचिव राजेश भाटिया, जिलाध्यक्ष दीपक बजाज, जिला सचिव पंकज अग्रवाल, मंडल अध्यक्ष नीरज पारिख, मंडल सचिव राहुल मेहता सहित अन्य उद्यमी रहे।
यह हैं प्रमुख मांगें
१-आयकर को तर्कसंगत बनाया जाय
आयकर को तर्कसंगत बनाया जाने की मांग हुई। आयकर की दरों को तर्कसंगत बनाते हुए कारपोरेट की तर्ज पर पार्टनरशिप एवं प्रोपराइटरशिप फर्म को भी 22 फीसद के स्लैब में रखा जाना उचित होगा। इन इकाइयों को आज नई मैन्यूफैक्चरिंग इकाइयों एवं स्टार्टअप से स्पर्धा लेनी पड़ रही है। जबकि स्टार्टअप एवं नई मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों पर 15 प्रतिशत की दर से ही आयकर लगता है।
२-फूड पार्क के बाहर स्थापित फूड प्रोसेसिंग इकाईयो को भी सब्सिडी मिले
केंद्र सरकार द्वारा फूड प्रोसेसिंग इकाइयों को बढ़ावा देने हेतु तमाम सुविधाएं प्रदान की गई हैं। इसमं फूड पार्क सब्सिडी महत्वपूर्ण है। यह सब्सिडी केवल सरकार द्वारा घोषित फूड पार्क को ही प्राप्त होती हैं। इस सब्सिडी का लाभ उन सभी फूड प्रोसेसिंग इकाइयों को मिलना चाहिए जो फूड पार्क के बाहर भी स्थित हैं।
२-पूर्वांचल के समग्र विकास के लिये पैकेज दिया जाए
पूर्वांचल में उद्योग एवं उद्यमिता की असीम संभावनाएं है। यहां औद्योगिक विकास के सभी संसाधन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। सरकार के थोड़े से प्रयास से इस क्षेत्र में उद्योगों का जाल बिछाया जा सकता है। विगत कई वर्षों से इस क्षेत्र के विकास के लिये पूर्वांचल पैकेज की मांग की जा रही है। कोरोना काल के बाद बुरी तरह प्रभावित पर्यटन उद्योग के लिए विशेष पैकिज दिया जाना चाहिये। देशी पर्यटकों को भारत भ्रमण के दौरान किए जा रहे खर्च को भी आयकर की छूट में शामिल किया जाए।
४-आयात एवं निर्यात हेतु फ्रेेट सब्सिडी बढ़ाई जाय
निर्यात की दृष्टि से पूर्वांचल में काफी संभावनाएं हैं। एक ओर भदोही के कालीन एवं वाराणसी के सिल्क ने विश्व में अपना महत्वपूर्ण स्थान बना रखा है। दूसरी ओर, वाराणसी एवं पूर्वांचल के एक दर्जन जीआई तथा अन्य प्रोडक्टस विश्व बाजार में अपनी पैठ जमाने के लिए प्रयत्नशील हैं। पूर्वांचल के लैंड लॉक्ड एरिया होने के कारण सरकार द्वारा दी जाने वाली फ्रेेट सब्सिडी का निर्यात प्रोत्साहन में काफी योगदान है, लेकिन यह सब्सिडी इतनी कम है कि इसका लाभ नगण्य रह जाता है। इस कारण यहां के उद्यमी आयात एवं निर्यात में प्रतिस्पर्धा में टिक नहीं पा रहे हैंं।
५-लॉकडाउन की अवधि का बैंक ब्याज माफ किया जाय
कोविड-19 की मार से उद्योगों ने बड़ा नुकसान झेला है। कोविड-19 के लॉकडाउन की समय अवधि जिसमें उद्योग पूरी तरह बंद थे। इस दौरान बैंक का ब्याज माफ कर दिया जाए तो उद्योगों को बड़ी राहत मिलेगी तथा उद्योगों को पुन: अपनी गति में आने में मदद मिलेगी।