पटना

कोरोना से मौत पर 24 घंटे तक युवक की लाश पड़ी रही


फुलवारीशरीफ। पटना में कोरोना से हो रही लगातार मौत के घटनाओं के बाद परिजनों द्वारा शव को छुने से परहेज करने की लगातार खबरों के बावजूद लोग सावधानी बरतने से बाज नहीं आ रहे हैं। इसी कड़ी में फुलवारीशरीफ के जानीपुर थाना के नगवा डेरा में सुधीर कुमार 20 वर्षीय नौजवान की कोरोना से मौत हो गई। मृतक का पिछले 8 दिन से स्थानीय डॉक्टर के पास परिजन इलाज करा रहे थे लेकिन अस्प्ताल में भर्ती नही कराया गया था।

वहीं सुधीर की मौत बुधवार रात्रि 8:00 बजे घर पर ही हो गई उसके बाद घरवालों और आसपास के ग्रामीणों में कोरोना संक्रमण फैलने का डर समा गया की कहीं करोना दूसरा को न  हो जाये। इसकी सूचना परिवार और गांव वालों ने जिला प्रशासन और स्थानीय थाना पुलिस को दिया लेकिन कोई कारगर पहल नहीं हुई। इसके बाद इसकी जानकारी स्थानीय भाकपा माले विधायक गोपाल रविदास को मिली। विधायक घटनास्थल पर पहुंचे और प्रशासनिक अधिकारियों को फटकार लगाते हुए जिलाधिकारी पटना को सूचना दिया, तब जाकर के जिला प्रशासन ने एम्बुलेंश भेज कर लाश को बांसघाट पर भिजवाया।

एमएलए गोपाल रविदास ने इस संबंध में जिला अधिकारी अनुमंडल और प्रखंड विकास पदाधिकारी से तत्काल मांग करते हुए कहा है कि पूरे गांव को सैनीटाइज कराने, कोविड का जांच और वैक्सीन देने तथा मृतक सुधीर कुमार के परिवार को सरकारी 4 लाख का मुआवजा दिलाने की मांग की है। विधायक गोपाल रविदास ने बताया कि उन्हें पटना के जिलाधिकारी भरोसा दिलाया है कि पूरे परिवार को सरकारी नियमानुसार आपदा की राशि चार लाख रुपये दिये जायेंगे।

वहीं विधायक गोपाल रविदास ने दूसरी तरफ राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि पूरे बिहार में 13 करोड़ की आबादी है लेकिन 1300 भी कोरोना वायरस से पीडि़त परिवारों के लिए अस्पतालों में बेड सरकार मुहैया नहीं करा पा रही है। उन्होंने कहा यह सरकार लगातार रोज-रोज तमाम आला अफसर से लेकर के पूरी व्यवस्था की बैठक कर रहे हैं जो हमारे महज दिखावा है।

उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा जरूरत आज डॉक्टर और नर्स की है। आज के हालात में पारा मेडिकल स्टाफ ज्यादा से ज्यादा चाहिये, जिस दिशा में सरकार कुछ नहीं कर रही है। विधायक ने कहा कि लाखों नौजवान बेरोजगार पड़े हुए हैं, अगर सरकार का एक आदेश हो तो काम और सेवा में जुट जाने के बिहारी युवा तैयार हैं।