सड़कों एवं रेलवे प्लेटफार्म पर पसरा सन्नाटा
गया। कहते हैं कि इतिहास अपने ही दोहराता है। इसकी एक ताजा वानगी देखनी हो तो फि़लहाल शहर की सड़कें फि़र से बीते वर्ष 2020 की गवाही दे रही है। यह सूनी और शांत पडी सड़कों पर जहां कल बेतहाशा भीड़ और दौड़ती गाड़ियों का बोलबाला था लेकिन आज न तो कहीं शोर है, और नहीं कहीं भीड़। संपूर्ण लाकडाउन के पहले दिन बीते साल की तरह एक बार फिर सड़कों पर बिरानी दिखी।
शहर वासियों ने स्वतः स्फूर्त अपनी अपनी दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठाने बंद रखी। अदृश्य कोरोना वायरस की चेन को तोड़ने के लिए लोगों ने लॉकडाउन का जिम्मेदारी के साथ पालन किया। हालांकि आवश्यक सेवाओं को लाकडाउन से मुक्त रखा गया है। सुबह 7 बजे से लेकर 11 बजे तक लोगों ने राशन, सब्जियां फल, दवा सहित कई अन्य जरूरी सामानों की खरीदारी की। इसके बाद शहर में चारों तरफ सन्नाटा छाया रहा।
सड़क से लेकर रेल पटरियों तक सन्नाटा छाया रहा। गया जंक्शन के विभिन्न प्लेटफार्म पर यात्रियों की संख्या में भारी कमी देखी गई। गया जंक्शन से गुजरने वाली मेल एक्सप्रेस ट्रेनों एवं सवारी गाड़ियों में यात्रियों की संख्या कम थी। जंक्शन के बाहरी परिसर में सन्नाटा छाया रहा। शहर में आटो रिक्शा, आवश्यक सेवाओं के वाहन को छोड़कर वाहनों का आवागमन पूरी तरह से ठप रहा। दिन भर सड़कों पर पुलिस और एंबुलेंस की सायरन की आवाज सुनाई पड़ी।
कोरोना वारियर्स के रूप में शहर के डीएम अभिषेक सिंह, एसएसपी आदित्य कुमार, सिटी डीएसपी राजकुमार साह, अनुमंडल पदाधिकारी इंद्रवीर कुमार सहित शहरी थानों के पुलिस अधिाकारी शहर में लाकडाउन का जायजा लेने के लिए निकल पड़े। सिटी डीएसपी राजकुमार शाह स्वयं सड़कोंपर माइकिंग के माधयम से लोगों को घर में रहने, लाक डाउन का पालन करने एवं अनावश्यक रूप से नहीं निकलने की चेतावनी दे रहे थे।
इस बीच पुलिस ने केपी रोड में बेवजह भीड़ लगाए हुए लोगों पर लाठियां चटकाई, जिसे देखकर स्थानीय लोग इधर-उधर भागने लगे। शहर के हृदय स्थली टावर चौक जीबी रोड, केपी रोड, धामी टोला बजाजा रोड, रमना रोड,किरानी घाट,स्टेशन रोड,बाटा मोड़ स्वराजपुरी रोड, राय काशीनाथ मोड़, गांधी मैदान, डाक बंगला रोड, समाहरणालय मोड़, चांद चौरा, राजेंद्र आश्रम, डेल्हा, गया-पटना मुख्य मार्ग मानपुर, सिक्स लेन पुल, बुनियादगंज, रेवाड़टोली, सहित कई अन्य प्रमुख मार्गों पर वाहनों का परिचालन ठप रहा।
जिले के विभिन्न प्रखंडों में भी लाकडाउन का व्यापक असर देखा गया। शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र की दुकानें बंद रही। लोग जरूरी सामानों की खरीदारी कर अपने-अपने घर में दुबके रहे।