पटना (निप्र)। बिहार में कोरोना से त्राहिमाम मचा है लेकिन राजधानी पटना में अधिकारी अपनी बुरी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं। ड्यूटी से गायब होकर मौज उड़ा रहे 4 अधिकारियों के ऊपर एक्शन लिया गया है। स्पेशल एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट ने इनके खिलाफ गांधी मैदान थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
पटना के डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह के कान में भी ये बात डाली गई है। राजधानी पटना के गांधी मैदान थाने में पटना सदर के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी हरीशचंद्र चौधरी, पटना सिटी भवन प्रमंडल गुलजारबाग के जूनियर इंजीनियर गौतम प्रसाद गौंड, पथ प्रमंडल गुलजारबाग के अन्तर्गत सरमेरा पथ अवर प्रमंडल के जूनियर इंजीनियर अखिलेश कुमार और जिला उद्यान विभाग के प्रखंड उद्यान पदाधिकारी अनिल कुमार मिश्रा के खिलाफ स्पेशल एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट अरुण कुमार सिंह के बयान पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
बताया जा रहा है कि इनके ऊपर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 व एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1997 और आइपीसी की धारा 188 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। इन अधिकारियों के खिलाफ लिए गए एक्शन के बाद अन्य अफसरों में हड़कंप मच गया है।
बताया जा रहा है कि इन चारों अधिकारियों की ड्यूटी पटना जंक्शन पर जिला नियंत्रण कक्ष में मजिस्ट्रेट के रूप में लगाई गई थी। जितनी भी संख्या में बाहर से लोग बिहार आ रहे हैं, उनके कोरोना जांच के लिए विधि व्यवस्था को बनाये रखने की जिम्मेदारी इनको दी गई थी। लेकिन ये लापरवाह अफसर ड्यूटी से गायब होकर मौज उड़ा रहे थे। इन्हें नौकरी और जिम्मेदारी की बिलकुल परवाह नहीं थी। पटना के जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह को भी इन अफसरों के ऊपर की गई कार्रवाई की जानकारी दी गई।
पहले तो आरोपित अधिकारियों से स्पष्टीकरण की मांग की गई। स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं पाये जाने के बाद उन सभी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई। आगे की कार्रवाई की जा रही है।