पटना

बेगूसराय: आयुर्वेद चिकित्सा के माध्यम से ब्लैक फ़ंगस को रोका जा सकता है : डॉ॰ दिलीप कुमार


बेगूसराय (आससे)। ब्लैक फ़ंगस प्रारंभ होने के पूर्व ही आयुर्वेद के माध्यम से इसे होने से रोकने का उपाय किया जा सकता है। यह जानकारी देते हुए राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय बेगूसराय के वरीय रेजिडेंट डॉक्टर दिलीप कुमार वर्मा ने बताया कि ब्लैक फ़ंगस से बचने के लिए स्फ़टिक भष्म (फि़टकरी भस्म), हल्दी एवं सेंधा नमक, सरसों तेल एवं गाय के घी के प्रयोग से इसे रोकने में कामयाबी मिल सकती है। डॉक्टर वर्मा ने बताया कि बाजार में मिलने वाली फि़टकिरी को खरीद कर घर ले आएं और अपने रसोई घर में तवा को गर्म कर उस पर रखें। थोड़ी देर में वह पिघल जाएगा और कुछ क्षण बाद वह बताशा की तरह फ़ूल जाएगा  उसे तवा से खुरच कर चूर्ण कर ले। यही स्फ़टिक भस्म है।

इस भस्म से दोगुनी मात्रा हल्दी पाउडर एवं चार गुनी मात्रा सेधा नमक मिला कर रख लें। इसे मंजन की तरह सुबह शाम हथेली पर लेकर, इसमें थोड़ा सरसों तेल मिलाकर अपने मसूड़े की मालिश उंगलियों से करें। उन्होंने बताया कि ब्लैक फ़ंगस से नाक को बचाने के लिए रात में और सुबह में अपने नाक के दोनों नासिका में सरसों तेल की दो-दो बूंदें डालें इससे भी ब्लैक फ़ंगस से बचाव हो सकता है।

जहां तक आंख का सवाल है एक ड्रॉपर की सहायता से दोनो आंखो में एक एक बूंद गाय का घी डाले। जहां पर स्नेह (तेल) रहता है वहां पर कोई भी फ़ंगस नही पनप पाता है। यदि आप कोरोना के बाद की कमजोरी से ग्रस्त हैं तो 6 मुनक्का का दाना एवं चार गोल मिर्च का दाना चबाकर सुबह-शाम एक गिलास हल्दी दूध पीना चाहिए। इससे कोरोना के बाद की हुई कमजोरी से निपटा जा सकता है। च्यवनप्राश एक चम्मच, गिलोय घनबटी दो गोली, अश्वगंधा चूर्ण तीन ग्राम सुबह शाम लिया जा सकता है।