- नई दिल्ली, एजेंसियां। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization, WHO) के कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में अपना कार्यकाल पूरा कर लिया है। उन्होंने (Union Health Minister Harsh Vardhan) कहा कि निजी कंपनियों के कोविड वैक्सीन के बौद्धिक संपदा अधिकारों (Intellectual Property Rights, IPR) से चिपके रहने की कोई गुंजाइश नहीं है। ऐसे में संगठनों को प्रमुख दवाओं तक सस्ती पहुंच सुनिश्चित करने के तरीके खोजने चाहिए।
केंद्रीय मंत्री (Union Health Minister Harsh Vardhan) ने बुधवार को कार्यकारी बोर्ड के 149वें सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना संकट में उद्योगों के लिए बौद्धिक संपदा अधिकारों (आईपीआर) से चिपके रहने की कोई गुंजाइश नहीं है। कभी-कभी पाते हैं कि सहयोगात्मक अनुसंधान को लेकर हम बहुत कम इच्छुक हैं। सभी लोगों के लिए बेहतर स्वास्थ्य के हमारे लक्ष्य को हासिल करने के लिए वहनीयता भी एक प्रमुख प्रेरक कारक है।
हर्षवर्धन ने कहा कि संकट के समय डब्ल्यूएचओ (World Health Organization, WHO) को विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organization, WTO) जैसे अन्य संगठनों के साथ मिलकर प्रमुख दवाओं तक सस्ती पहुंच सुनिश्चित करने के तरीके खोजने चाहिए। मौजूदा वक्त में हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती टीकों के समान वितरण की है। मेरा मानना है कि इस संकट के समय डब्ल्यूएचओ में हम सभी को गरीबों और कमजोर वर्ग के लोगों की सेवा के लिए उठ खड़ा होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि महामारी के वक्त हमें खुला सहयोग बनाने का और दिखाने का एक मौका है कि दुनिया एकजुट है। महामारी के दौरान सभी सदस्य देशों को लगातार समर्थन देने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की सराहना करते हुए हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड टूल्स, विकास, उत्पादन और कोरोना टेस्ट उपचार और टीकों तक समान पहुंच में तेजी लाने के लिए इतिहास में सबसे तेजी से समन्वित और सफल सहयोग देखा गया है।