बेगूसराय (आससे)। शिक्षा जीवन का आधार है इसके बिना सब बेकार है। उक्त पंक्ति स्लोगन के लिए ठीक है। लेकिन धरातल पर निरर्थक है। सरकार प्रत्येक पंचायत में माध्यमिक विद्यालय खोल दी है लेकिन वास्तविक शिक्षा से महरुम हो रहे हैं छात्र-छात्राएं। जिले में 261 सरकारी विद्यालय प्लस टू विद्यालय है लेकिन उच्चत्तर माध्यमिक शिक्षक 226 ही बहाल हो पाए। जहां तक छात्रों की संख्या का सवाल है तो प्रत्येक वर्ष छात्रों की संख्या में इजाफा हो रही है इसके पीछे सरकार की लोक लुभावन नीति कह सकते हैं।
2018-19 में नामांकन लेने वाले लड़कों की संख्या 10 हजार 298 एवं लड़कियों की संख्या 10 हजार 291 रही है तो वही 2019-20 में लड़कों की संख्या 23042 एवं लड़कियों की संख्या 10868 रही है। अर्थात 2018- 2019 में 20589 एवं 2019-20 में 46910 छात्र-छात्राओं का नामांकन हुआ लेकिन शिक्षकों की आगड़ा 226 है नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत विद्यालयों में 58 शिक्षक जिला परिषद क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विद्यालयों में 152 शिक्षक एवं नगर पंचायत बलिया के अंतर्गत 16 शिक्षकों का प्लस 2 विद्यालयों में नियोजन हुआ है।
बताते चलें कि 2020-21 में छात्रों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है अब सवाल उठता है कि जब शिक्षक की बहाली ही नहीं हुई है तो छात्र कैसे पास कर रहे हैं क्या सरकारी उत्तर माध्यमिक विद्यालय सिर्फ नामांकन के लिए खुली है यह कैसी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा है। यह एक सोचनीय पहलू है। बेहतर शिक्षा की कल्पना तभी हम कर सकते हैं जब सभी प्लस 2 विद्यालयों में सभी विषयों के शिक्षक नियुक्त हो।
कई ऐसे विद्यालय हैं जहां पर विज्ञान संकाय में नामांकन तो हो जाते हैं लेकिन विज्ञान संकाय के शिक्षक ही नहीं है, कई ऐसे प्लस टू विद्यालय हैं जहां पर एक भी शिक्षक बहाल ही नहीं है। लेकिन छात्र-छात्राएं परीक्षा में उत्तीर्ण हो रहे हैं। इसी से आंकलन लगाया जा सकता है कि छात्रों का भविष्य कैसा होगा।