- नई दिल्लीः लद्दाख के पास गलवान घाटी में चीनी सैनिकों से बीते साल हुई झड़प में भारतीय सेना के जांबाजों ने मुंहतोड़ जवाब दिया था। यही नहीं तब से अब तक एक साल में आर्थिक मोर्चे पर भी लोगों ने चीन को किनारे लगाने का प्रयास किया है।
एक सर्वे के मुताबिक ऐसे 43 प्रतिशत भारतीय हैं, जिन्होंने पिछले 12 महीनों में चीन में बना कोई भी उत्पाद नहीं खरीदा है। कम्यूनिटी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘लोकल सर्कल्स’ के सर्वे के मुताबिक जिन लोगों ने चीन में बने उत्पादों की खरीद भी की, उनका कहना है कि ऐसा उन्होंने 1 से दो बार ही किया है।
केंद्र सरकार की ओर से चीन के 100 से ज्यादा ऐप्स पर बैन और स्वदेशी सामानों की मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की नीति के बीच यह सर्वे आया है। बीते साल चीन की ओर से सीमा पर खूनी झड़प किए जाने के बाद भारत सरकार ने टिकटॉक, अली एक्सप्रैस समेत कई ऐप्स को बैन कर दिया था। यही नहीं गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिकों की शहादत पर देश भर में गुस्सा था और कई बार चीनी उत्पादों के बहिष्कार की भी अपील की गई थी।
लोकल सर्कल्स की ओर से बीते साल नवम्बर में भी ऐसा ही एक सर्वे किया गया था, जिसके मुताबिक उस वक्त 71 फीसदी भारतीयों ने चीन में बने किसी सामान की खरीद नहीं की थी।
भारतीय ट्रेड में चीन की बड़ी हिस्सेदारी
भारत के ट्रेड में चीन की हिस्सेदारी की बात करें तो इंटरमीडिएट गुड्स के लिए भारतीय इंपोर्ट में 12 प्रतिशत हिस्सेदारी चीन की है, कैपिटल गुड्स में 30 और कंज्यूमर गुड्स मेंं 26 प्रतिशत हिस्सेदारी है।