प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाहन को विभाग मे न सौप कर अपने कब्जे में रखने पर पंजीकरण निरस्त करने के निर्देश की मांग में दाखिल याचिका पर हस्तक्षेप से इंकार कर दिया है और कहा है कि वाहन की चेचिस यदि सरकारी विभाग को न देकर याची अपने कब्जे में रखे है तो याचिका जारी नही की जा सकती है। यह आदेश न्यायमूर्ति नाहिद आरा मुनीस तथा न्यायमूर्ति दिनेश पाठक की खंडपीठ ने अनिल कुमार सिंह की याचिका पर दिया है। वाहन का पंजीकरण प्रमाणपत्र निरस्त करने के निर्देश जारी करने की मांग मे दाखिल याचिका पर कोर्ट ने राज्य सरकार के अधिवक्ता से जानकारी मांगी थी। राज्य सरकार के स्थायी अधिवक्ता बी पी सिंह कछवाहा ने कोर्ट को बताया कि वाहन की चेचिस याची के कब्जे में है। उसने विभाग मे जमा नही किया है। वह कोर्ट को गुमराह कर रहा है। इस जानकारी के बाद कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है ।