पटना

खगड़िया: जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक ने की भूमि संबंधी विवादों की अंचलवार एवं थानावार समीक्षा


खगड़िया (आससे)। खगड़िया के जिलाधिकारी  आलोक रंजन घोष एवं पुलिस अधीक्षक  अमितेश कुमार ने  बुधवार को आयोजित बैठक में जिले में लंबित भूमि विवादों की समीक्षा की एवं संबंधित अधिकारियों को  आवश्यक निर्देश  दिए। जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक ने भूमि विवाद, मापी संबंधी विवाद, सीमांकन संबंधी मामले के साथ पुलिस-आपराधिक वाद, थाने में लंबित विवादों की संख्या, शराब विनष्टीकरण की मात्रा के संबंध में समीक्षा की और इनके त्वरित निष्पादन का निदेश दिया।

जिलाधिकारी खगड़िया  ने थाना, अनुमंडल  एवं जिला स्तर पर वादों के निष्पादन के लिए नियमित बैठक करने का निर्देश दिया। जिले में भूमि विवाद से संबंधित कोई अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दा लंबित नहीं है, जिससे विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो। बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि बेगूसराय जिला से सीमा विवाद, जो नदी के मार्ग बदलने के चलते उत्पन्न हुआ है, उसके निपटारे के लिए दोनों जिलों से टीम बनाकर मापी करा ली गई है। खगड़िया जिला द्वारा प्रतिवेदन तैयार कर बेगूसराय को भेज दिया गया है, किंतु बेगूसराय से प्रतिवेदन प्राप्त नहीं है।

जिले में बनने वाले मेडिकल कॉलेज के लिए जिलाधिकारी ने विवाद रहित भूमि चयनित करने का निर्देश दिया। उन्होंने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों और अंचल अधिकारियों को प्रखंड और अंचल की जमीन की जमाबंदी कराने का निर्देश दिया, ताकि भविष्य में कोई विवाद ना उत्पन्न हो सके।  बैठक में वर्तमान भू सर्वेक्षण में सरकारी जमीन की प्रविष्टि कराने, सभी प्रखंडों और अंचलों के कार्यालयों का खाता खेसरा निकालकर प्रतिवेदित करने का निर्देश भी दिया गया। इसके लिए उप विकास आयुक्त को निर्देशित किया गया कि सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को विभाग द्वारा निर्धारित विहित प्रपत्र में प्रतिवेदन की मांग करें।

बैठक में बांध बनने से या अन्य कारणों से विस्थापित लोगों को जमीन उपलब्ध कराने के लिए संबंधित अंचलाधिकारी को उपयुक्त सरकारी भूमि का प्रस्ताव देने का निर्देश दिया गया है। ताकि भविष्य में इससे विधि व्यवस्था संबंधी समस्या ना उत्पन्न हो सके।

जिलाधिकारी  ने अपर समाहर्ता और उपस्थित पुलिस उपाधीक्षकों को निर्देश दिया कि भूमि और गैर भूमि विवाद के मामलों के साथ आपराधिक मामले को अलग-अलग श्रेणी में रखते हुए थाना स्तर पर एक रजिस्टर बनाकर इन्हें संधारित किया जाए।  थाना और अंचल से विवाद के मामलों के संख्या में अंतर नहीं परिलक्षित होना चाहिए।  रजिस्टर पर संबंधित अंचलाधिकारी और थानाध्यक्ष दोनों का संयुक्त हस्ताक्षर होना अनिवार्य होगा। चर्चा यह भी हुई कि थाना में आयोजित जनता दरबार में अंचलाधिकारी भी जाते हैं। एक अंचल में एक से अधिक थाने हैं। उन्हें निर्देश दिया गया की अन्य थानों में जनता दरबार में भाग लेने के लिए जानकार राजस्व कर्मचारी को भेजा जाए ताकि भूमि संबंधी विवादों का निपटारा सुगमता पूर्वक कराया जा सके।

समीक्षात्मक बैठक में उप विकास आयुक्त श्रीमती अभिलाषा शर्मा, अपर समाहर्ता  शत्रुंजय कुमार मिश्रा, अनुमंडल पदाधिकारी धर्मेंद्र कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी गोगरी  सुभाषचंद्र मंडल, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी खगड़िया  सुमित कुमार, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी गोगरी  मनोज कुमार सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी शामिल रहे। सभी अंचलाधिकारी भी वर्चुअल माध्यम से इस बैठक में भाग लिए।